Race for UK Harish Rawat : अभी क्लिक करें और पढ़ें । बड़ी खबर हरीश रावत रेस से हुए बाहर ! आखिर किसने और किस कारण से बाहर किया हरीश रावत को । हरीश रावत किसे देखना चाहते हैं अब आगे ? क्या इसके पीछे भी छुपी है कोई कूटनीति ! जानने के लिए अभी क्लिक करें और पढ़ें ।
8 मिनट की इस वार्ता को आप भी आगे अवश्य सुने और जाने कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और कांग्रेस नेता किस रेस से हो गए हैं बाहर ? क्या-क्या कहा पलायन पर रावत ने ? रावत की क्यों हैं जिद्द , देवभूमि में भांग बोने की ? मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत को क्या सलाह दे रहे हैं पूर्व सीएम ? दिव्या रावत की बड़ी बहिन शकुंतला द्वारा गढ़वालियों को बके गए अपशब्दों पर क्या प्रतिक्रिया दे रहे हैं हरीश रावत ? पूरी वार्ता सुने जरूर ।
हर आम-ओ-खास अपने-अपने सियासी अनुभवों और समझ के हिसाब से यह कयास बीते कई दिनों से लगा रहे हैं कि दिग्गज नेता व पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत 2022 की जोरदार तैयारियों में अभी से मसगूल हैं । और वह कम से कम एक बार फिर से उत्तराखंड की कमान बतौर मुख्यमंत्री अपने हाथों में लेना चाहेंगे । इसलिए अभी से ही गाहे-बगाहे यह भी कयासबाजी होती रहती है कि कांग्रेस की यदि वर्ष 2022 में वापसी होती है तो हरीश रावत ही सबसे प्रमुख चेहरे के रूप में आगे रहेंगे ।
लेकिन जब मैंने श्री रावत से फोन पर वार्ता की तो उन्होने इस बीच यह साफ किया कि अब उनकी उम्र हो चुकी है इसलिए वह इस रेस से बाहर हैं । पूर्व मुख्यमंत्री आगे कहते हैं कि अब आगे कांग्रेस की ओर से कोई नौजवान ही उत्तराखंड का मुख्यमंत्री होगा । इस बीच उन्होने कुछ लोगों के नाम भी सुझाए लेकिन इस सबके बीच उनका पुत्रमोह भी साफ साफ झलक गया ।
8 मिनट की इस वार्ता को आप भी आगे अवश्य सुने और जाने कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने क्या-क्या कहा पलायन पर ? रावत की क्यों है जिद्द देवभूमि में भांग ऊगाने की ? मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत को क्या सलाह दे रहे हैं पूर्व सीएम ? दिव्या रावत की बड़ी बहिन शकुंतला द्वारा गढ़वालियों को बके गए अपशब्दों पर क्या प्रतिक्रिया दे रहे हैं हरीश रावत ?
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2022 में मुख्यमंत्री की रेस से कांग्रेस के दिग्गज नेता हरीश रावत हुए बाहर ।
अगर आप ऑडियो नहीं सुन पा रहे हैं तो उक्त वार्तालाप को नीचे पढ़ें …
शशि पारस : पलायन को रोकने के लिए आपका जो विजन था जो अभियान था,जो आपकी सोच थी, क्या उस पर वर्तमान सरकार में कार्य हो रहे हैं ? आप इस बारे में क्या कहना चाहेंगे ?
हरीश रावत : योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया था लेकिन जो अब नहीं हो रहा है इसका मुझे बड़ा अफसोस है । देखिए आज भांग की खेती को ले करके भी मैंने कुछ बातें की थी । हाल ही मैंने शराब को लेकर के जो बात की है उस पर भी कार्य होना चाहिए ।
शशि पारस : आप भांग क्यों ऊगाना चाह रहे थे ? लोग तो उससे यह मानते थे कि यह एक नशे की खेती है, आपकी इस योजना से तो नशे का कारोबार उत्तराखंड में फैलता , क्या यह सच है ?
हरीश रावत : ना.. ना… ना… आप एक बार जरा अमेरिका में जाइए, वहां तो देखिए कि यह किस तरह की खेती है . भांग का औषधीय उपयोग बहुत ज्यादा होता है और यह दवाइयों में उपयोग होता है। खास तौर पर जो आपको एक आश्चर्यचकित करने वाली बात होगी कि जो हवाई जहाज के इंजन पार्ट्स होते हैं उसमें भी भांग के रेसे व इसके अंदर लकड़ी के बीच में मौजूद पल्प का उपयोग होता है । इस बारे में आप लोगों को एक दूसरे पहलू पर सोचना चाहिए । भांग नशे का श्रोत नहीं है । भांग खाते हैं इसको गांव में गांव में आपने भी देखा होगा किसको बकायदा भुन करके खाया जाता था उसमें नशा नहीं होता है। तो हर भांग में कहें कि नशा है यह लोगों की सोच गलत है । और मैंने तो वह बीज तैयार भी कर लिया है जिसमें नशा है ही नहीं । मैंने तो उस भांग की बात की थी आप नशे वाली भांग की क्यों बात कर रहे हो, मैं उस भांग के बीज को यहां उत्तराखंड में ले आया हूं और अब हमारे पास वह कमर्शियल भांग का बीज जमा है । और सबसे बड़ी बात यह कि भांग हमारी एक नेचुरल ग्रोथ है । इसे ना जानवरों का डर ना किसी चीज का डर उसके लिए तो हमारे जंगल हमारे बंजर खेत रास्ते ही काफी हैं। दुनिया के सबसे महंगे रेशे में अगर कोई चीज है तो वह भांग का रेसा है । इसका जो बीज है वह खाने के काम भी आता है और दवा के काम में आता है और जो भांग के अंदर का पल्प लकड़ी के बीच में मौजूद होता है उससे हवाई जहाज के अंदर के इंजीनियरिंग पार्टस बनाए जाते हैं । इससे दवाईयां बनाई जाती है ।
शशि पारस: तो अगर वर्तमान सरकार आपकी योजना को आगे बढ़ा रही है तो क्या आप उसकी सराहना करेंगे ?
हरीश रावत : वर्तमान सरकार अब क्या करेगी ! वह तो मैं पहले ही कर चुका हूं और उसका एक्ट भी बना चुका हूं । लेकिन सरकार ऐसा कर रही है, मेरी उस योजना को आगे बढ़ा रही है तो यह एक बहुत बड़ी समझदारी का काम सरकार कर रही है । त्रिवेंद्र सिंह सरकार अगर मेरे इस एजेंडे को आगे बढ़ाती है तो पलायन के लिए आयोग की आवश्यकता ही नहीं होती । हां केवल एक योजना जो मेरे से रह गई जिसे मैं स्टार्ट नहीं करवा पाया था…. तो देखिए कभी अगर आगे कांग्रेस के गवर्नमेंट बनेगी तो उस आईडिया पर आगे अवश्य काम किया जाएगा
शशि पारस : हा… हा…. हा…. तो क्या आप जो अभी कह रहे हैं कि कांग्रेस की सरकार अगर आएगी तो…..! क्या आपको लगता है कि अभी बहुत लंबे समय तक कांग्रेस की सरकार नहीं आने वाली है ?
हरीश रावत : बिल्कुल 2022 में कांग्रेस की सरकार बन रही है और तब अपने पार्टी के एजेंडे में अपनी जो योजना रह गई उसको रखूंगा ।
शशि पारस : तो फिर 2022 में कांग्रेस की जब सरकार बनती है तो उसमें मुख्यमंत्री कौन होगा ? क्या मुख्यमंत्री आप ही रहेंगे तब ?
हरीश रावत : नहीं… नहीं…. आगे एक नौजवान होगा और अब नौजवान पीढ़ी आएगी वह अपना काम करेगी । वह किस रूप में अब राज्य को आगे देखेगी यह उनपर निर्भर होगा । मैंने तो अपना काम कर लिया जितना करना था ।
शशि पारस : अच्छा ! तो अब आप चाहते हैं कि आगे राज्य की जिम्मेदारी नौजवान पीढ़ी के कंधो पर आए ?
हरीश रावत : मैं यह चाहता हूं कि नौजवान पीढ़ी आगे आए और अब वह इसे संभाले । नए लोग आगे आएं ।
शशि पारस : तो क्या नई पीढ़ी में कोई ऐसे नाम है जिनका नाम आप लेना चाहेंगे क्योंकि आप जब उनका नाम लेंगे तो उनका उनका हौसला बढ़ेगा, मनोबल बढ़ेगा, प्रोत्साहन मिलेगा । तो ऐसा कोई नाम नई पीढ़ी में जो आप लेना चाहते हैं ?
हरीश रावत : देखिए कांग्रेस में इस वक्त करण मेहरा हमारे एक व्यक्ति हार गए हैं… मनोज तिवारी, उसी तरीके से हमारे मनोज रावत केदारनाथ से विधायक हैं, और आपके जो हैं गणेश गोदियाल जो हमारी यंग एकदम फ्रेश पीढ़ी है । और इन्हीं में से एक और मेरा अपना खुद का बेटा है आनंद रावत है । कंस्ट्रक्टिव वर्क करने में आनंद का तो कोई जबाब ही नहीं है । जितने कंस्ट्रक्टिव आइडियाज उसके पास हैं वह पार्टी के लिए बड़ा भारी एसेट है । कंस्ट्रक्टिव आईडिया बहुत ज्यादा हैं । अब जरा इस पीढ़ी से अलग में प्रीतम सिंह जी हैं, किशोर उपाध्याय जी हैं, काजी निजामुद्दीन जी हैं, ममता राकेश जी हैं……..
शशि पारस : इन सबके बीच में आपने राजेंद्र भंडारी का नाम छोड़ दिया है बद्रीनाथ से… क्यों ?
हरीश रावत : नहीं… राजेंद्र भंडारी हां….. थोड़ा सा…. अच्छा… ! नाम छूट गया उनका और उनसे सीनियर अनुसूया प्रसाद मैखुरी जी हैं फिर तो बहुत सारे लोग हैं सुरेंद्र सिंह नेगी हैं !
शशि पारस : आपसे अंत में पूछना चाह रहा हूं कि जो हमने अभी कुछ दिन पहले यूथ आइकन के मार्फत ही एक वीडियो अपलोड किया था कि जिसमें दिव्या रावत की बड़ी बहन कुछ अपशब्दों का प्रयोग करती दिखाई दी है, तो उसमें सीधा-सीधा आप का भी नाम आया है कुछ बात को लेकर के तो क्या कहना चाहेंगे आप ? उसने आपका नाम लेते हुए कहा था खासकर गढ़वालियों को लेकर कि …… हरीश रावत ने भी कहा है कि गढ़वालियों में बिल्कुल भी दम नहीं होता है । तो क्या यह बात सही है ?
हरीश रावत : ना…. ना…. ना…. ना…. मैंने कभी नहीं कहा मैं कभी भी ऐसा शब्द इस्तेमाल नहीं कर सकता हूं
शशि पारस : नहीं… नहीं… हम यह नहीं कह रहे हैं कि आप ने कहा हम यह कह रहे हैं कि उसमें आपका नाम लिया गया है । आप उसमें मौजूद नहीं है, उसमें दूसरे पक्ष ने आपका नाम लिया है तो आपकी राय जानना चाह रहे हैं हम ?
हरीश रावत : उनको मैंने बहुत प्रोत्साहित किया है । मुझे उसकी मेहनत पर प्राउड है मैं उस लड़की की मेहनत को सराहना उसके करता हूं। और जो शब्द मैंने कहे ही नहीं उसके बारे में मैं अब टिप्पणी भी क्या करूं । जब मैं यूज ही नहीं करता ऐसे शब्दों को तो क्या टिप्पणी दूँ । मैं यह कहूंगा कि उज्जवल पक्ष को देखे हम उसके काले पक्ष को ना देखें जो उज्जवल पक्ष है उसको देखें धन्यबाद । कुलमिलाकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के इस बयान का मकसद साफ है कि काला पक्ष यानी दिव्या की बड़ी बहिन शकुंतला की ओर ध्यान न दिया जाय ।
तो यह थे मेरे साथ फोन पर वार्तालाप कर रहे उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के दिग्गज नेता हरीश रावत । जिन्होने ज़ोर दिया कि सूबे में भांग की खेती को प्रोत्साहन दिया जाना बेहद जरूरी है और इसके उत्पादन होने से पलायन भी रुकेगा । साथ ही उन्होने यह स्पष्ट किया कि अब वह मुख्यमंत्री की रेस से बाहर हो गए हैं । हालांकि राजनीति में इस तरह के बयाने की गहराई में भी भारी राजनीति छुपी होती है इसलिए भले ही हरीश रावत यह कह लें कि वह सीएम की रेस से बाहर हैं… फिलहाल यह मैं तो नहीं मान सकता हूँ ।
कैसे लगी आपको यह बातचीत ? क्या हैं आपके सुझाव ? कृपया नीचे सबसे लास्ट दिए गए कमेन्ट बॉक्स में अपनी राय सुजाव जरूर लिख भेजें ।
धन्यबाद ।
शशि भूषण मैठाणी ‘पारस’
Shashi Bhushan Maithani Paras . 9756838527, 7060214681
Good work out
सबसे पहले तो में आपका धन्यवाद करूंगा सर हमे हर खबर मिलती रहती है छोटी हो या बड़ी
सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री जी ने जो एक बात कही है कि कोई नोजवान होगा मुख्यमंत्री का दावेदार बिल्कुल सही वेसे भी बल हमारा उत्तराखण्ड अभी जवान बालिक हुवा है वेसे में समझता हूँ और मेरी निजी राय है अगर 22 में कांग्रेस सत्ता में आती है तो हरीश रावत जी से अच्छा मुख्यमंत्री कांग्रेस से कोई हो ही नही सकता
जिनको राजनीति का अच्छा अनुभव है अछि पहचान है
Nice