Ravindra Jugran ‘Raj-Rag’ : रावत सरकार को उखाड़ना है तो परिक्रमा करने वालों के बजाय पराक्रमियों को आगे लाना होगा : रवीन्द्र जुगराण
Yi मीडिया “राज-राग” में राज्य आंदोलनकारी व भाजपा नेता रवीन्द्र जुगराण…. !
उत्तराखंड में राजनीतिक पंडितो का आंकलन ही स्पष्ट रूप से यह कहने की स्थिति मे नहीं हैं की 2017 मे कौन सरकार बनाएगा आज के हालातों में हरीश रावत भाजपा से कई अधिक आश्वस्त दिखाई दे रहे हैं क्योंकि हरीश रावत को सोनिया दरबार से फ्री हैंड है । उनके विरोधी पार्टी छोड़ चुके हैं ऐसे में कांग्रेस संगठन पर भी उनकी पकड़ मजबूत बनी हुई है या यूं कहें कि संगठन में कुछेक को छोड़ बाकी सभी हरीश रावत के प्रभाव में है । ऐसे में वह अपने हिसाब से किसी भी गुणा भाग के लिए स्वतंत्र हैं । वहीं राज्य की भाजपा अनेक प्रभावी मुद्दों को उठाने के बावजूद जनता के बीच यह विश्वास जगाने मे कामयाब नहीं हो पाई की वह किस चेहरे को लेकर सरकार बनाने की लड़ाई लड़ेगी । अजय भट्ट की अध्यक्ष के रूप में सरकार को सड़क पर घेरने की रणनीति हो या नेता प्रतिपक्ष के रूप में सरकार को सदन मे दबाव में लेने की सारी कोशिसे, कभी भी सिरे नहीं चढ़ पाई, और न ही भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने कभी अपने उन जमीनी नेताओं को फ्रंट लाईन में आने दिया जिन्होने समय-समय पर अकेले ही शासन और प्रशासन में बैठे लोगों की चूलें हिलाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी ।
एक बार फिर से उत्तराखंड राज्य विधानसभा चुनाव की दहलीज पर हैं । और इस मौके पर भाजपा से जुड़े वह नेता जिन्होने अकेले दम पर विगत वर्षों में सीधे जनता से जुड़े विभिन्न मुद्दों को उठाते हुए सरकार व तंत्र को घेरने में कभी भी कोई कसर नहीं छोड़ी अब वह आगामी चुनावों के मध्यनजर अपनी दावेदारी की ताल ठोकते हुए फ्रंट में आ गए हैं । उन्हें उम्मीद है कि पार्टी उन पर महरबान होगी और अगर नहीं तो जनहित में कोई भी फैसला लेने को खुद को स्वतंत्र भी मानते हैं । फिलहाल वह अपनी सियासी जमीन को अपने अकेले दम पर मजबूत करने में भी जुट गए हैं ।
इस बार मेरे साथ यूथ आइकॉन Yi मीडिया की विशेष कड़ी “राज-राग” चर्चा में शामिल हुए हैं वही एक सख्स जो राज्य में अपनी एक अलग पहचान अपने तेज तर्रार छवि के कारण रखते हैं । मै बात कर रहा हूँ उत्तराखंड राज्य आंदोलन से जुड़े प्रमुख आंदोलनकारियों में से एक व भाजपा नेता रविन्द्र जुगराण की जिनके जीवन का बड़ा हिस्सा जन आंदोलनों के अलावा राजनीतिक सरोकारों से सीधा जुड़ा रहा है । अब 2017 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले अब उनके मन की टोह लेने की मै कोशिस करूंगा, यूथ आइकॉन के विशेष सिग्मेंट ‘राज-राग’ में ।
लेकिन सबसे पहले एक नजर डालते हैं रविन्द्र जुगराण के संघर्षों के अलावा उनके राजनीतिक सफर पर –
46 वर्षीय रवीन्द्र जुगराण उर्फ ‘रब्बु’ का जन्म 29 जुलाई 1970 में टिहरी जनपद के चम्बा ब्लॉक स्थित जुगड़गांव में हुआ था । वर्तमान में रवीन्द्र का निवास देहरादून मे है । जिनकी शैक्षिक योग्यता बी0 कॉम तक की है । रवीन्द्र छात्र जीवन से ही राजनीति व राजनेतावों से बेहद में प्रभावित थे । रवीन्द्र बताते हैं कि उन्हें जब भी पता चलता था कि देहरादून के परेड ग्राउंड में कोई बड़ा नेता आकर भाषण देने वाला है तो उस बीच उन्हे भी नेता को सुनने का बेसब्री से इंतजार रहता था । कभी घर तो कभी स्कूल से पैदल पैदल परेड ग्राऊंड जाकर घंटो तक नेताओं का इंतजार कर उन्हें सुनता था । तब रवीन्द्र पहाड़ से निकले नेता हेमवंती नन्दन बहुगुणा से बेहद प्रभावित हुए और उन्हें ही देख यह संकल्प ले लिया कि वह भी एक दिन जनसेवा कर लोगों के सामने होंगे ।
बालमन से राजनीतिक मंथन व संकल्प अब परवान चढ़ता दिखने लगा । रविन्द्र के राजनीतिक सफर की शुरुआत हुई छात्र राजनीति से, 1991-92 में वह डीएबी कालेज में महासचिव चुने गए और फिर 1993-94 में इसी विद्यालय में बतौर अध्यक्ष चुन लिए गए । इस बीच रवीन्द्र ने छात्र व राज्य आंदोलन सहित कई जनांदोलनों में भी मुख्य भूमिका भी निभाई थी ।
1996 में देहरादून नगर विधानसभा का चुनाव रविन्द्र ने राज्य आंदोलनकारी के रूप में लड़ा लेकिन जीत हासिल नहीं हुई । 1997 में भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर राजनीति में सक्रिय हुए तब से बीजेपी ने रवीन्द्र को कई बार अहम जिम्मेदारियाँ भी सौंपी मसलन 1997 मे गढ़वाल यूथ विंग का प्रभारी बनाया गया । 1998 में प्रदेश उपाध्यक्ष युवा मोर्चा, 2002 में उत्तराखंड प्रदेश महामंत्री संगठन, और 2005 में पुन: प्रदेश उपाध्यक्ष युवा मोर्चा की अहम ज़िम्मेदारी मिली ।
रविन्द्र को वर्ष 2007 में बीजेपी शासित खंडूरी सरकार में राज्य युवा कल्याण परिषद उपाध्यक्ष, तो 2010 में निशंक सरकार में उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी परिषद का अध्यक्ष बनाया गया । लेकिन जब श्रीनगर में हुई एक प्रेस कांफ्रेस में पत्रकारों के सवाल के जवाब में रवीन्द्र ने जनरल खंडूरी को सबसे उपयुक्त नेता बताया तो निशंक सरकार से महज 10 महीनों के भीतर ही रविन्द्र जुगराण को उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी परिषद के अध्यक्ष पद से हाथ धोना पड़ा था । परंतु रविन्द्र जाने जाते हैं अपनी एक अलग छवि के कारण वह तमाम जनमुद्दों के साथ सरकार व तंत्र को घेरने में हमेशा सक्रिय रहते हैं रवीन्द्र की खासियत है कि पार्टी लाइन से अलग अपनी विशेष कार्यक्षमता से जनमुद्दों को समय-समय पर उठाते रहे हैं । चाहे मामला राज्य मे रहे पूर्व मुख्य सचिव राकेश शर्मा या पूर्व डीजीपी सिद्धू का हो या फिर उत्तराखंड में मूल निवास व जाति प्रमाण का मामला रविन्द्र तमाम मामलो को लेकर हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचे हैं । वर्तमान में रविन्द्र के द्वारा राज्यहित में 12 जनहित याचिकाएं न्यायालय में दायर की गई हैं जिनमें उत्तराखंड में मूल निवास व जाति प्रमाण का मामला व पूर्व डीजीपी सिद्धू का मामला प्रमुख हैं ।
लेकिन एक पार्टी कार्यकर्ता की इतनी सक्रियता के बाबजूद उसे बार बार साईड लाइन कर दिया जाता है आखिर क्यों ? रविन्द्र आगे अकेले ही अपनी लड़ाई लड़ेंगे या बीजेपी संगठन का उन्हें साथ मिलेगा या नहीं ? 2017 में क्या वह चुनाव लड़ सकते हैं ? ऐसे ही तमाम सवालों के साथ आज ‘राज-राग’ में मेरे साथ हैं बीजेपी नेता व राज्य आंदोलनकारी रवीन्द्र जुगराण ।
अब “राज-राग” मेँ सवाल-जवाब :
आगे यूथ आइकॉन की इस विशेष कड़ी ‘राज-राग’ में राज्य आंदोलनकारी व भाजपा नेता रविन्द्र जुगराण से हम जानने की कोशिस करेंगे कि 2017 में क्या होगी उनकी रणनीति ? क्या उनके लिए भाजपा में मिलना सम्भव हो पाएगा या वह खुद को पार्टी से किनारे कर स्वयं ही चुनाव मैदान में उतरेंगे ? और जानेगे कि वह कौन सी सीट होगी जहां जुगराण चुनाव लड़ने का पूरा मूड बना भी चुके हैं । साथ ही जानेगे कि 9 बागी विधायकों को लेकर क्यों असहज जुगराण !
(सवाल मेरे [Yi शशि पारस: ] – जवाब रवीन्द्र जुगराण के)
Yi शशि पारस: आप चुनाव लड़ेंगे 2017 में ?
रवीन्द्र जुगराण : बिल्कुल राजनीति में हूँ , राजनीति कर रहा हूँ तो बेशक चुनाव भी लड़ूँगा ।
Yi शशि पारस: लेकिन आप पार्टी में तो हसिए पर हैं ऐसा क्यों ?
रवीन्द्र जुगराण : ऐसा आपको लगता है मुझे नहीं, मै कभी भी पार्टी में हासिए पर नहीं रहा आप मेरा पिछला रिकार्ड खंगाल सकते हैं । हाँ यह जरूर है कि मैं तमाम जनमुद्दों को अपने व्यक्तिगत स्तर से भी उठाता हूँ । मुझे पूरी उम्मीद है कि शीर्ष नेतृत्व मुझ पर विश्वास जताएगा और मुझे 2017 में मौका भी मिलेगा ।
Yi शशि पारस: आपके द्वारा 10 पीआईएल हाईकोर्ट व 2 पीआईएल सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हैं जिन पर सुनवाई चल रही है, लेकिन आपकी पार्टी बीजेपी क्यों नहीं आपके साथ खड़ी होती है ?
रवीन्द्र जुगराण : मै कभी भी दुराग्रह से कार्य नहीं करता हूँ बल्कि जन समस्याओं के आधार पर अपनी सेवा जनता को देता हूँ फिर मामला चाहे किसी भी स्तर का क्यों न हो । मैं सरकार व तंत्र में फैले भ्रष्टाचार के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ता हूँ साक्ष्यों के साथ, फिर कोई साथ दे न दे क्या फर्क पड़ता है जनता तो देखती है सब कुछ । हाँ यह सच है कि मै पार्टी में बिना पद व बिना दायित्वों के अकेले दम पर काम कर रहा हूँ , जो सब पार्टी लाईन पर हो रहा है । कोई साथ क्यों नहीं आता है यह उन्हे सोचना है ।
Yi शशि पारस: आप राज्य आंदोलनकारी भी हैं ये बताइये इस प्रदेश के लिए सबसे उपयुक्त शासक कौन है वर्तमान में ?
रवीन्द्र जुगराण : कोई नहीं सब आया राम, गया राम है ।
Yi शशि पारस: हरीश रावत के बारे में क्या खयाल रखते हैं ?
रवीन्द्र जुगराण : लंबे राजनीतिक अनुभव के धनि हैं, राष्ट्रीय नेता की छवि है लेकिन अफशोस कि इस प्रदेश का सबसे ज्यादा बेड़ागर्क इन्ही के शासन में हुआ है । वह इस प्रदेश की नींव में भ्रष्टाचार की जड़ों का जाल बुरी तरह से फंसा चुके हैं जिसे निकालने के लिए किसी पराक्रमी की आवश्यकता होगी न कि परिक्रमा करने वालों की । हरीश रावत समझौतावादी नेता हैं यह जनता जान चुकी है ।
Yi शशि पारस: आप चुनाव कहाँ से लड़ेंगे 2017 में ?
रवीन्द्र जुगराण : रायपुर से ।
Yi शशि पारस: चर्चा है कि टिकट न मिलने की दशा में आप निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे ?
रवीन्द्र जुगराण : फिलहाल ऐसा नहीं है, मुझे विश्वास है कि मुझे टिकट मिलेगा । बाकी मै एक आंदोलनकारी हूँ राज्य की अवधारणा के अनुरूप ही कोई भी फैसला स्वयं के लिए उपयुक्त समय पर करता हूँ , फिलहाल निर्दलीय लड़ने का कोई विचार तो है नहीं ।
Yi शशि पारस: भाजपा में कांग्रेस के 9 बागी विधायक पर आपकी बेबाक टिप्पणी क्या होगी ?
रवीन्द्र जुगराण : कांग्रेस सरकार के साढ़े चार वर्षों का भ्रष्टाचार हम साथ लेकर चल रहे हैं । मेरा मानना है कि हमने बे-वजह मीडिया व जनता को अपने ऊपर ऊंगली उठाने का अवसर दिया है । स्थिति बहुत जल्दी आसानी से सामान्य होती मुझे तो दिखाई नहीं दे रही है ।
Yi शशि पारस: आप मानते हैं कि 2017 बीजेपी के लिए आसान नहीं है, जैसा कि अभी आपने बताया कि बागी तो मुसीबत बनेगे ही, तो क्या …. भाजपा के पास प्रदेश में कोई चेहरा न होना भी एक बड़ा रोड़ा बन सकता है ?
रवीन्द्र जुगराण : बिल्कुल नहीं, भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ आएगी…., और चुनाव जीतेगी । मैंने पहले ही कहा कि हरीश रावत यहाँ भ्रष्टाचार की नई परंपरा शुरू कर गए हैं जिसे जनता जान चुकी है और 2017 मे कांग्रेस का सफाया है, यह भी तय मानिए । जहां तक चेहरे की बात है तो सबसे बड़ा चेहरा हमारे पास है, जो देश मे ही नहीं बल्कि पूरी दुनियाँ मे ताकतबर बनकर उभरा है वह हैं मोदी जी । भाजपा मोदी के चेहरे व पार्टी की नीतियों के बूते चुनाव लड़ेगी व जीतेगी कमान तो किसी को भी मिले काम तो उसे मोदी के दिशा निर्देशन व पार्टी के दायरे में ही करना होता है । यह कांग्रेस तो है नहीं ।
कुल मिलाकर यूथ आइकॉन Yi मीडिया की खास कड़ी “राज -राग”में हुई इस खास बात चीत से राज्य आंदोलनकारी व भाजपा नेता रविन्द्र जुगराण ने अपनी उसी बेबाकी के साथ मेरे सभी सवालों का जवाब दिया जैसे कि उनके बारे में आम लोगों की राय होती ही है । रविन्द्र बातचीत मे साफ कह गए कि वह अपने स्तर से लड़ते हैं, और लड़ते रहेंगे … कोई साथ आए न आए फर्क नहीं पड़ता है । वह एक आंदोलनकारी हैं इसलिए उनकी कथनी और करनी में कभी फर्क नहीं हो सकता है । रविन्द्र ने स्पष्ट रूप से कह दिया कि कांग्रेस के 9 बागी विधायकों को साथ लेकर हम (भाजपा) भी कांग्रेस के साढ़े चार वर्षों के भ्रष्टाचार में साझीदार हो गए, ऐसा जनता के बीच संदेश चला गया है ।
इस बातचीत से स्पष्ट हो गया है कि रविन्द्र अपने सिद्धांतों के पक्के हैं फिलहाल वह किसी भी नेता से प्रभावित नहीं है साथ ही वह अपने चुनावी चाल को भी टिकट बँटवारे तक संसय में ही रखना चाहते हैं ।
*प्रस्तुति : शशि भूषण मैठाणी ‘पारस’ , एडिटर Yi मीडिया ।
Copyright: Youth icon Yi National Media, 09.09.2016
यदि आपके पास भी है कोई खास खबर तो, हम तक भिजवाएं । मेल आई. डी. है – shashibhushan.maithani@gmail.com मोबाइल नंबर – 7060214681 , 9756838527 और आप हमें यूथ आइकॉन के फेसबुक पेज पर भी फॉलो का सकते हैं । हमारा फेसबुक पेज लिंक है – https://www.facebook.com/YOUTH-ICON-Yi-National-Award-167038483378621/
यूथ आइकॉन : हम न किसी से आगे हैं, और न ही किसी से पीछे .
Jai ho.real leader of uttarakhand
अच्छे प्रश्न बेबाक जवाब आज के परिवेश में ऐसे ही कर्मठ बिना किसी पद की लालसा वाले नेता की जरूरत पर् आह है कितने और है भी तो राजनीती के दंगल में सफल कितने ?
ईश्वर सफलता दे रविंद्र जुगरान जी को और सदबुद्धि समाज के लिए काम करते रहने की प्रेरणा लेते रहे की
Real tiger of uttarakhand and upcoming MLA of Raipur 2017
बेबाक और सटीक टिप्पणी
Agar Bade Bhai Ravindra jugran jaise neta ko uttarakhand main kam aur pratiniditwa ka mouka mile too niswarth aur Imandar logo ka uttarakhand banega. Jai Hind
शशि भूषण मैठाणी साहब ‘पारस’ जी आने वाले साल 2017 मके चुनाव मे सरकार किसी की भी बने इससे कोई फर्क नहीं पड़ता ,फर्क इससे पड़ता है कि वह पार्टी हमारे उत्तराखंड के विकास के लिए कुछ करती है भी या फिर से उत्तराखंड के लोगों के साथ छलावा करती है।
U r energetic n youth feverouit politicians…..
we went this types leder
Good thought, good icon
Ravindra Jugran a true and honest leader for uttrakhand BJP should project him as their CM candidate for next election if they want to perform well.
जुगराण भाई का संघर्ष उत्तराखंड के युवाओं के लिए एक प्रेरक मिसाल है ।
Nice men jugran great men
Straight forward and fearless
We need Iconic Youth Leaders like Ravindra Jugran who have positive approach and a genuine love for Uttrakhand.
बहुत सुंदर विचार जुगराण जी।
Great leadership rabbu bhi
Ravindra jugran is the best leader in uttarakhand
Ravindra jugran is the best
Great leader
One of the best leader. Jugran
Sacha neta vahi hai jo samaj ke acchai ke liye kaam Kare, Jan samasyaayo ke liye kaam Kare.
You are a true leader in this sense. Keep helping and guiding people…..
Ravindra jugran is nice leader of uttrakhand
Good leader ravinder
Great leader
Honest leader
Ravinder bhi good message
Ravindra Jugran the warrior of uttrakhand.
Ravindra jugran the shining face of BJP
Uttarakhand mein acche neitaon ki kadar nahi
Very good jugran sir we are proud of you.
Uttrakhand ke bare main koie nahe sohta
Jagran ji aap sorta hai.
Jagran ji isse acche hum up mein theiy.
Kya hoga uttrakhand ka
I support v Ravinder ji v need people like him in state assembly who have courage to say ,& act…
Super
v..know ravindraa jugran ..g since ..from collage days..very honest..fearless..shining face of uttrakhand.all the best for ravinder g…