Rawal Badrinath : आखिर बद्रीश भगवान् से सांकेतिक भाषा में क्या बात करते हैं रावल ।
शायद बहुत कम लोगों को पता होगा कि बदरीनाथ के रावल भगवान् बद्रीश से संकेतों में बात करते हैं..? आखिर मालुम भी कैसे हो सबकी नजर तो भगवान् बद्रीश की मूर्ती पर केन्द्रित रहती है जो शालिग्राम की बनी हुई है. बद्रीनाथ के रावल ईश्वरी नम्बुरी की पूजा की विशेषताओं में यह गौर करने वाली बात है कि जब भी वे गर्भगृह में भगवान् बद्रीश की पूजा करते हैं अँगुलियों के इशारे से भगवान् बद्रीश से बात करते नजर आते हैं.
आपको बता दें की भगवान् बद्रीश का हर दिन तीन बार स्नान होता है और तीन बार कपडे बदले जाते हैं. जितनी बार रावल बदरीनाथ मंदिर में घुसेंगे उतनी बार उन्हें पूर्ण रूप से शुद्ध होकर मंदिर में प्रवेश करना होता है. वे उतनी बार ही नहाते हैं एवं इन 6 माह में वे नदी पार नहीं करते. उनका अनुशासन ही उनका आचरण का हिस्सा होता है.
रोज तीन बार नहाना तीन बार का भोग लगाना और भोग लगाने के बाद ही खाना उनकी दिनचर्या का हिस्सा होता है. बेहद कठिन अनुशासन और जीवन शैली का निर्वहन करना उनका ही नहीं बल्कि मंदिर के गर्भगृह में उनका सहयोग बाँटने वाले स्थानीय पुजारी की दिनचर्या भी वही होती है. उन्हें भी उतने दिन बेहद सात्विक जीवन जीना पड़ता है जितने दिन उनकी मंदिर में बारी होती है. वे उन दिनों गृहस्थ आश्रम से दूरी बनाकर रखते हैं.
बदरीनाथ मंदिर के रावल ईश्वरी नम्बुरी ने बातचीत में बताया कि रोज भगवान् बद्रीश का श्रृंगार स्नान व साफ़ सफाई पर उन्हें जितनी आत्ममुग्धता मिलती है उतनी सार्वजनिक जीवन में कहाँ ! उन्होंने कहा कि जो भी सांकेतिक भाषा या गूढ़ भाषा में वह कहते हैं वह बद्री भगवान् के श्लोक हुआ करते हैं वह उनकी अर्चना आराधना प्रार्थना के अंश मात्र हैं. वह मुंह खोलकर इसलिए मंत्रोचारण नहीं करते क्योंकि कहीं मुंह की वास, थूक के कण इत्यादि न वहां गिरें और यह दक्षिण भारत केरल की मंत्र अराधना पद्धति का ही एक हिस्सा है.
उनका मानना है कि जिस गद्दी पर भगवान बद्रीश विराजमान हैं उस गद्दी के नियमों का कठोरता से पालन करना ही एक रावल का कर्तब्य होता है ताकि श्रृष्टि उसी अनुशासन के साथ अपने नियम संयम और अधिकार कर्तब्यों का निर्वहन कर सके.
*साभार वरिष्ठ पत्रकार मनोज इष्टवाल की फेसबुक वाल से .।
मनोज इष्टवाल जी आपके अथक प्रयास से ही हमें भी ”बदरीनाथ के रावल के विषय मे” ज्ञान प्राप्त हुआ ,इसके लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद।