Sab Gol Mal Hai : शिक्षा विभाग में बल्ब घोटला…..!
उत्तराखंड मे सरकारी स्कूलों की बद्हालिता की खबरें आम है। कहीं स्कूलों मे अध्यापक नही तो कहीं बच्चे नही, और कई ऐसे स्कूल भी है जहां स्कूल के जर्जर भवनांे मे बच्चे पढ रहे हैं इन समस्याओं को दूर करने की बजाय उत्तराखण्ड मे सरकारी स्कूलों मे सरकारी धन को ठिकाने लगाने का काम चल रहा है।
सरकारी स्कूलांे मे बाजार मूल्य से दुगने दामों पर उर्जा सरंक्षण का हवाला देकर एलईडी बल्ब व ट्यूबलाइटें खरीदी गई है। कई सरकारी स्कूल की खिड़कियांे पर न लकड़ी है न शीशे , सरकारी स्कूलों की तस्वीरें भी देखेंगे तो कैसे खुली तारों से सरकारी स्कूलों मे बिजली व्यवस्था चलती है।
ऐसी ही तस्वीरें उतराखंड मे सरकारी स्कूलों की कहीं भी दिख जाती है। लेकिन हैरानी तब होती है जब इन्हीं स्कूलों मे लाखों के एलइडी बल्ब व ट्यूबलाइटें शिक्षा विभाग ने खरीदी है। उत्तराखण्ड मे लाखों के बजट से एलइडी ब्लब व ट्यूबलाईटें उर्जा सरक्षंण के नाम पर खरीदी गई है। इसके लिए बकायदा शासनस्तर पर आदेश निकालकर कहा गया कि स्कूलों मे कक्षाओं व आॅफिसों के लिए
उर्जा की बचत करने वाले बल्ब व ट्यूबलाईटें खरीदी जाये। उच्च अधिकारियों के आदेश के बाद स्कूल के प्रधानचार्य को लिखित आदेश दिया गया कि स्टूडेंट फड्ंस व कम्प्यूटर आदि के मद से इसका भुगतान किया गया है। यही नही साथ मे दिया गया है एक फर्म का नाम व कोटेशन की फोटोकाॅपी जिससे इन बल्बों को खरीदना बताया गया।
अब इस कोटेशन पर नजर डालिये तो 5 वाट का बल्ब 460 रूपये, 7 वाट का बल्ब 640 रूपये 6 वाट की ट्यूब 1290 रूपये, 20 वाट की ट्यूब 2310, 25 वाट की 1450, 35 वाट 21200 रूपये। ये वो मूल्य है जो बाजार मे उपलब्ध अन्य कई कंपनियों से कई गुना अधिक है। कुछ स्कूलांे का जायजा लेने पर हमने पाया कि स्कूलों मे 50 हजार से 75 हजार तक के बल्ब खरीदे गये हैं।
*पंकज मैंदोली
Copyright: Youth icon Yi National Media, 11.08.2016
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पंकज मैंदोली जी अब तो हिन्दुस्तान मे हर रोज कोई न कोई नया घोटाला सामने आना नई बात नहीं रह गई है, ऐसा प्रतीत होता है कि लोगों मैं डर एवं भय नाम की कोई चीज नहीं रह गई है।
We are forced to live in such a pathetic environment created by the corrupt people holding place in public offices or politics