Satpal Maharaj, Raj Rag : 2017 के धर्मयुद्ध में देवभूमि में भगवा लहराएंगे महाराज…!
*महागुरू की ऐसी कौन सी महाइच्छा थी जिसे पूरा करने के लिए उन्हें बनना पड़ा राजगुरू ?
*कांग्रेस में महाराज क्यों हो गए थे परेशान जिससे उनको थामना पड़ा भाजपा का दामन ?
*2017 के धर्मयुद्ध में क्या होगी महागुरू की धर्मधाद ?
*और ऐसा कौन सा चक्रब्यूह बुन रहे हैं महाराज॰ जिसकी काट नहीं है हरीश रावत के पास ?
आध्यात्मिक गुरू से राजगुरू बने सतपाल महाराज किसी परिचय के मोहताज नहीं है। महाराज ने कांग्रेस से अपनी राजनीतिक पारी की शुरूआत की॰ लम्बे समय कांग्रेस की सेवा करने के बाद जब उन्हें अहसास हुआ कि कांग्रेस सिर्फ उनके चेहरे का यूज कर रही है। पार्टी में उन जैसे निष्ठावान कार्यकर्ताओं को छोड चरण बंदना करने वालों को प्राथमिकता दी जाती है तो उन्होने बिना वक्त गवाएं भाजपा का दामन थाम लिया। महाराज के इस फैसले पर सवाल भी खूब उठे। महाराज समर्थकों को यह फैसला हजम नहीं हो पाया। उन्हें लगा कि महाराज ने यह अपनी स्वार्थ सिद्धि के लिए यह कदम उठाया। लेकिन अब वह भी महाराज के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रहें हैं। महाराज पूरी रौ में दिखाई दें रहें हैं । इशारों.इशारों में बोल भी रहें हैं कि कुमांउ के बाद अब गढवाल की बारी है। तो क्या भाजपा आलाकमान सतपाल महाराज को उत्तराखंड में अहम जिम्मेदारी देने जा रहा है।
दिल्ली बीजेपी के सूत्रों की माने तो कांग्रेस से बीजेपी में आए सतपाल महाराज उत्तराखंड में सीएम के रूप में पार्टी की पहली पसंद हैं। इसकी एक बड़ी वजह आध्यात्मिक गुरू के रूप में देश और दुनिया में उनकी ख्याति । सतपाल महाराज धार्मिक प्रवचन देते हैं और उनकी अच्छी साख है। लोग उनका आदर करते हैं। उनका सरल स्वभाव और सर्वमान्य हिन्दु चेहरा होना। यह भी माना जाता है कि जिस तरह राज्य में हासिए पर चली गई बीजेपी को उन्होंने कांग्रेस के विधायकों को तोड़कर सत्ता की रेस में कांग्रेस के बराबर ला खड़ा किया उसे और कोई नहीं कर सकता था। प्रेसिडेंट रूल लगने से मिलने वाली सहानुभूति से अब पूर्व सीएम हरीश रावत वंचित हो चुके हैं। अब उत्तराखंड में मुकाबला बराबरी का है। अगर सूत्रों कि माने तो भाजपा आलाकमान यह जानता है कि बिना महाराज के उत्तराखंड में सरकार की परिकल्पना करना वर्तमान परिदृश्य में असंभव है। कारण सतपाल महाराज में वह क्षमता है कि जरूरत होने पर वो कांग्रेस से और विधायकों को तोड़ कर ला सकते हैं। बागी हुए विधायक भी बड़ी संख्या में सतपाल महाराज के समर्थक थे। हालांकि यह सवाल भी हमेशा मुंहबाए खड़ा है कि सतपाल महाराज कांग्रेस से अपनी पत्नी के अलावा अपने खासमखास अनुसूया मैखुरी, राजेन्द्र भण्डारी और निर्दलीय विधायक मंत्री प्रसाद को भाजपा खेमे में लाने में सफल नहीं हो पाए ।
सीएम पद के चेहरे को तौर पर महाराज की दावेदारी के पुख्ता होने का कारण पूर्व सीएम भगत सिंह कोश्यारी और पूर्व सीएम भुवन चंद्र खंडूडी का उम्रदराज होना है । बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और पीएम नरेंद्र मोदी कभी भी अधिक उम्र के नेता को सीएम पद की जिम्मेदारी नहीं देना चाहेंगे। हालांकि पूर्व सीएम रमेश पोखरियाल निशंक भी युवा चेहरा व विशुद्ध रूप से मूल भाजपाई नेता होने के कारण 2017 में मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं लेकिन राजनीतिक धुरंधरों का विश्लेषण है कि फिलवक्त निशाने पर कांग्रेस और उसके सरदार हरीश रावत हैं तो उनके मुक़ाबले सतपाल महाराज का पलड़ा भी काफी वजनदार माना जा रहा है । जबकि पूर्व सीएम विजय बहुगुणा पर अपने कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे जो कि भाजपाइयों ने ही लगाए थे ऐसे में लगता नहीं है कि पार्टी उन पर कोई दांव खेलेगी लेकिन राजनीति भी बदलते मौसम की तरह होती है आगे किसी भी परिवर्तन से इंकार भी नहीं किया जा सकता है ।
और अन्य कोई नेता पार्टी में ऐसा है नहीं जिस पर आलाकमान दांव खेलने का साहस जुटाए । यानि बीजेपी के पास अनुभव और वरिष्ठता के आधार पर कोई चेहरा बचता है तो वह है कोश्यारीए निशंक व महाराज का त्रिकोण ।
तो क्या अगर महाराज को यह जिम्मेदारी मिलती है तो वह इसे निभाने के लिए तैयार हैं भी या नहीं ?
यूथ आइकॉन Yi टीवी न्यूज व्यूज़ में सतपाल महाराज को सुनने के लिए इस वीडियो को क्लिक करें …..
आखिर महाराज को महागुरू से राजगुरू बनने की जरूरत क्यों पड़ी ? भाजपा से क्या हुई उनकी बिग डील ? क्या उनका पहाडों में रेल चढाने का सपना हो पायेगा साकार ? कांग्रेस को सत्ता से उखाड फेंकने के लिए क्या है उनका गेम प्लान ?
इन्ही सुलगते सवालों के चक्रब्यूह में आज यूथ आइकॉन Yi की विशेष कड़ी ‘राज-राग’ में मेरे साथ हैं सतपाल महाराज ।
Yi शशि पारस : पर्दाफाश रैली में आप कांग्रेस के कौन से राजों से पर्दा उठा रहे हैं ?
महाराज : पर्दाफाश रैली का बहुत ही ज्यादा पाजटिब इफेक्ट देखने को मिला है । खासतौर से जो विधानसभाए भाजपा ने हारी हैं वहां लोगों में हमारे प्रति ज्यादा उत्साह देखने को मिला। मैं समझता हूं कि हम जनता को समझाने में कामयाब रहे कि कांग्रेस में जो परिवारवाद चल रहा है, भाई भतीजावाद चल रहा है। जो भ्रष्टाचार अपने चरम पर है। उस सबको हमने जनता के सामने रखा। राज्य विकास के ऐजेंडे से भटक गया है। बरसात में काफी सड़के टूट गए हैं, रास्ते खराब हैं खाद्यान का संकट पैदा हो गया। यही नहीं काग्रेस के लोग जो केन्द्र पर पैंसे न देने का आरोप लगाते हैं उसकी सच्चाई भी हमने जनता के सामने रखी और बताया कि केन्द्र पैंसे दे रहा है लेकिन ये उन पैंसो को खर्च नहीं कर पा रहे हैं । और फिर उलटा चोर कोतवाल को डांटे वाली कहावत की तरह केन्द्र को कोसते रहते हैं ।
Yi शशि पारस : भाजपा में आप अपने आप को कितना कम्फ़र्टेबल महसूस कर रहें हैं ?
महाराज : भाजपा में अच्छा महसूस कर रहा हूंए खुश हूं। भाजपा सभी जाति वर्गों को साथ लेकर चलती है। कांग्रेस ने हमारा इस्तेमाल किया। जो मुझे सम्मान मिलना चाहिए था वो इतने सालों में कांग्रेस दे नहीं पाई। इतने साल मेरे चेहरे को इस्तेमाल करती रही। जबकि भाजपा में ऐसा नहीं है। यहां मेरो पूरा कन्स्ट्रबूयशन कोर कमेटी को मिल रहा है। भाजपा में हमारे सुझाव माने जाते हैं। इसलिए मैं ये समझता हूं कि हमारा जो एजेण्डा है भाजपा को यहां लाने का वह 2017 में जरूर पूरा होगा।
Yi शशि पारस : इतने साल आपने कांग्रेस की सेवा कीए देवभूमि के हर घर तक आपने कांग्रेस की अलख जगाई। तो क्या इसे छोडते हुए आपको दुःख नहीं हुआ, कोई टीस नही है आपके मन में ?
महाराज : कांग्रेस इतने सालों में एक ही राग अलापती रही कि सतपाल महाराज इतने योग्य हैं कांग्रेस पार्टी के लिए। देश के कोने-कोने में जाकर पार्टी का प्रचार-प्रसार करते हैं। और व हिन्दु चेहरा है उनको कैसे बनाए। जबकि मैं तिवारी जी और उनके बाद जब ब्रहमदत्त जी यहां केन्द्रीय मंत्री रहे, उसके बाद में यहां से केन्द्रीय रेल राज्य मंत्री और वित्त राज्य मंत्री रहा। उसके बाद भी जो दर्जा और सम्मान मुझे मिलना चाहिए था वो नहीं मिला। और जो हमारे बाद पार्टी में आये। उनको हमारे उपर वरीयता दी गई। शायद इस लिए कि हम हिन्दु चेहरे थे। सवाल यह है कि हिन्दु चेहरा तो बदल नहीं सकता है। कहने की बात यह है कि जो पक्षपात और भेदभाव कांग्रेस पार्टी ने किया उसका खामयाजा उन्हें इस बार उत्तराखण्ड में भुगतना पडेगा।
Yi शशि पारस : महाराज जी भाजपा में भी तो अब चार-चार पूर्व मुख्यमंत्री हैं , आपकी वरिष्ठता कहां पर है ? और इस बात की भी क्या गांरटी है कि जो भेदभाव आपके साथ कांग्रेस में हुआ वोे भाजपा में नहीं होगा ?
महाराज : भाजपा में ऐसा नहीं है, जो चारों मुख्यमंत्री रहे हैं प्रदेश के उनमें से तीन वर्तमान में सांसद हैं। लोकसभा की कमेटियों में चेयरमैन भी हैं। उनके पास अपना काम है। भाजपा में चेहरों की कमी नहीं है विल्कुल सही कहा आपने। लेकिन यह पार्टी को तय करना है कि वह समय आने पर किसका उपयोग करेगी। और सही मौके पर सही निर्णय हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह जी लेंगेए कि पार्टी के लिए क्या करना है क्या चेहरा चाहिए क्या नहीं चाहिए। क्योंकि उनके पास पूरा इनपुट आता है उसके जरिए वह तय करेंगे।
Yi शशि पारस : आप उत्तराखंड में 2017 के लिए सीएम की रेस में हैं ?
महाराज : में सीएम की रेस में नहीं हूं उत्तराखंड के अन्दर ।
Yi शशि पारस : लेकिन चर्चाऐं तो ये हैं कि आप भाजपा के अंदर सीएम पर के सबसे महत्वपूर्ण दावेदार हैं। जिससे रेस में शामिल भाजपा के नेताओं अंदर बेचैनी देखी जा रही है।
महाराज : ऐसी कोई चर्चा नहीं है। ऐसी कोई बात नहीं है। पार्टी सही वक्त पर सही निर्णय लेगी। ऐसा मेरा मानना है।
Yi शशि पारस : आपके बारे में चर्चा है कि आप आगामी विधानसभा का चुनाव बदरीनाथ सीट से लड़ रहे हैं ?
महाराज : हमारे नेता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी, अमित शाह जी चाहेंगे तो में चुनाव लडूगां । नहीं चाहेंगे तो नहीं चुनाव लडूंगा ।
Yi शशि पारस : अमृता रावत जी कहां से चुनाव लडेंगी ?
महाराज : अमृता जी की जो सीट है वह वहीं से चुनाव लडेंगी। रामनगर भी है चैबटाखाल भी है, उनकी पुरानी सीट भी है। जहां से जनता चाहेगी वह वहां से चुनाव लडेंगी। अब जनता को तय करना है कि वह किस नेता को विकास कराने के लिए चुनती है।
Yi शशि पारस : वर्तमान में भाजपा के अन्दर जो महत्वपूर्ण पद हैं उन सभी पर कुमांउ के नेता काबिज हैं। आपको नहीं लगता कि इसका नुकसान पार्टी को आगामी विधानसभा चुनाव में उठाना पडेगा ?
महाराज : भाजपा अगर आगे चलकर उसकी भरपाई करती है तो नुकसान कहां होगा बल्कि फायदा होगा।
Yi शशि पारस : भरपाई किस तरह से करेगी पार्टी ?
महाराज : ये तो हमारे नेताओं को देखना है कि वह भरपाई किस तरह करते हैं।
Yi शशि पारस : यानि कि आप मानते हैं कि असंतुलन हुआ है ?
महाराज : असंतुलन नहीं कह सकते हैं। आने वाले समय में गढवाल को भी तब्बजो दी जायेगी आने वाले समय में। हमारी पार्टी सभी वर्गों को सम्मान करती है। अजय टम्टा जी को स्थान मिला अजय भट्ट को स्थान मिला। आगे भी हमारी पार्टी बैलेन्स बनाकर चलेगी।
Yi शशि पारस : आजकल सोशल मीडिया में आपके बालों को लेकर काफी चर्चाएं हो रही हैं ?
महाराज : में ये समझता हूं कि काश मेरे बालों से ज्यादा चर्चा मेरे काम को लेकर होती तो मुझे ज्यादा खुशी मिलती । सवाल यह होता कि गैरसैंण का भवन किसने बनवाया किसने उसके लिए संघर्ष किया। मैठानी जी आप मेरे साथ लम्बे समय से जुड़े हुए हैं। हिमाचल में दो विधानसभा भवन हैए जम्मू.कश्मीर में दो विधानसभा भवन हैं। महाराष्ट्र में भी दो विधानसभा भवन हैं तो फिर उत्तराखण्ड में क्यों नहीं हो सकते। पहाड़ो में रेल को लेकर इतना लम्बा संघर्ष किया है मैनेए इसकी चर्चा होती तो ज्यादा अच्छा होता मुझे दिल से प्रसन्नता होती।
Yi शशि पारस : उत्तराखण्ड में रेल पुरूष की उपाधि मिली हुई है आपको। कर्णप्रयाग कब तक रेल पहुंचा रहें हैं ?
महाराज : रेल लाईन का टेंडर होने वाला है। इसके साथ ही मुझे खुशी है कि मोदी जी ने चारधामों को पूरे पहाड़ को रेल से जोड़ने की बात कही है एक संकल्प लिया है। मुझे पूरा भरोस है कि अब जो मेरा सपना है वह पूरा होगा है ऋषिकेश.कर्णप्रयाग रेल को अब ब्रेक नहीं लगेंगे।
Yi शशि पारस : जिस भाजपा ने केदारनाथ में घोटाले और भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर विजय बहुगुणा को मुख्यमंत्री पद से हटाने में अहम भूमिका निभाई थीए आज उसी ने उन्हें पर्दाफाश रैली की अहम जिम्मदारी सौंपी है। तो आपको नहीं लगता भाजपा की कथनी और करनी में अंतर है ?
महाराज : मैं इसमें ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहूंगा। मैं इतना ही कहना चाहूंगा बहुगुणा जीए हरक सिंह जी हमारे साथ आए हैं। वह भाजपा को राज्य में लाने में महत्वपूण भूमिका निभाएंगे। कई सांसदो का पैंसा वहां खर्च नहीं हो पाया। आपदा राहत कार्यों और तमाम चीजों में गडबड़ी या जो भी हुआ वह जांच का विषय है। जब राज्य और केन्द्र में एक ही पार्टी के सरकार होती है तो तालमेल के साथ विकास और तेजी से होता है। हम चाहते हैं कि मोदी जी की पार्टी की सरकार यहां पर भी हो।
Yi शशि पारस : चर्चाएं हैं कि उत्तराखंड में 2017 का चुनाव मोदी के चेहरे पर लड़ा जायेगा ?
महाराज : चर्चाएं होती रहनी चाहिएए मोदी जी का चेहरा होगा उनके काम होंगे। पर हम यह चाहेंगे कि यहां भी नेतृत्व तो जो भाजपा की सरकार को यहां लाए। और भाजपा की सरकार यहां पर भी बने ताकि दोनों सरकार एक ही सरकार हों।
तो ये थे सतपाल महाराज जिन्होने आज राजराग में हर उस राज से पर्दा उठाया जिसे आम जनता के साथ ही सत्ता और विपक्ष के नेता भी जानना चाहते थे। महाराज के जवाबों से इतना साफ हो गया कि भाजपा आलाकमान उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देने जा रहा है। जिसका औपचारिक ऐलान शायद चुनावी तारीखों के साथ हो जाए। यानि अब देवभूमि में भगवा लहराने की जिम्मेदारी सतपाल महाराज के कंधो पर है। अब देखना होगा महागुरू के आध्यात्मिक प्रवचनों को अनमोल वचनों की तरहा जीवन में धारण करने वाले उनके अनुयायी सत्ता पर काबिज होने के इस धर्मयुद्व में उनके राजगुरू वाले वचनों को कितना अपनाते हैं। राजराग में आज इतना हीए जल्द फिर होउंगा किसी हस्ती के साथ सुलगते सवालों के साथ।
नमस्कार।
*प्रस्तुति : शशि भूषण मैठाणी ‘पारस’ , एडिटर Yi मीडिया । संपर्क – 9756838527, 7060214681
Copyright: Youth icon Yi National Media, 23.09.2016
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यूथ आइकॉन : हम न किसी से आगे हैं, और न ही किसी से पीछे ।
Methani ji i have gone thru whole interview in detail and must appreciate it. The you managed and kept balance is remakeble while interviewing such senior leader. I tender my all good wishes to YI
अच्छे सवालों के संतुलित जवाब
बहुत अच्छा मैठाणी जी
Very nice n impressive.
Impressive
Very nice & true because Satpal ji Maharaj is only the personality who can changed the whole picture of U Khand in positive view.
MAHARAJ JI KE JAY HO
Tera tujh ko sopp de kya lagat hai moh.. politics for the honest people!! Prabhu sewan ek maukan dehi!!
Very Excellent thinking My Maharaj ji ki
Uttrakhand ki pukar sirf satpal ji maharaj
Very much impressive.. People may doubt what you say, but they always believe what you do..! Thanks And regards.
Maharaj ji is a leader who has a vision for development of U khand. In his tenure as a Member of Parliament he has raised all the issues of Pahar in Lok-Sabha in a very impressive way. Congratulations Mathaini ji for such a great interview.