स्मार्ट पार्किंग, हताश अधिकारी और निराश पब्लिक की जेब से स्मार्ट लूट ।
स्मार्ट पार्किंग उन व्यवसायिक भवनों में पार्किंग के स्थानों को कब्जाने वालों के लिए छूट है जिन्होंने पार्किंग की जगह बेसमेंट में दुकान या गोदाम बना दिए हैं। जहां आम जनता को खरीददारी या उन भवनों में कोई काम के वक़्त फ्री पार्किंग मिलनी चाहिए थी।
यह MDDA, यातायात पुलिस , नगर निगम और व्यावसायिक भवनों के स्वामियों द्वारा जनता को लूटने का एक नया तरीका है।
मजेदार बात यह कि जनता की जेब से की जा रही स्मार्ट लूट के बाद उन्हें यह भी ताकीद किया जा रहा कि आपकी गाड़ी व आपके सामान की चोरी या अन्य नुकसान की जिम्मेदारी हमारी नहीं होगी । तो जनाब यह बताइये कि अगर आपकी जिम्मेदारी नहीं तो फिर खुलेआम ये सरकारी डाका क्यों ?
सोचिए अगर जनता को पैसे देकर गाड़ी पार्क करने बाद भी उसी गाड़ी में रहकर चौकेदारी करनी है तो इस इस स्मार्ट पार्किंग का मतलब ही क्या ?
तो क्या यह समझा जाए कि अगर स्मार्ट पार्किंग के नाम पर पर्ची काटने वाले कर्मचारी ही गाड़ियों में रखा सामान चुरा लेंगे तो लोगों की कोई सुनवाई नहीं होगी ?
आखिर कौन रहा होगा वह दिमागबाज जिसने किसी अन्य स्मार्ट देश या प्रदेश की नकल कर देहरादून में अपनी अधकचरी अकल की नुमाईश लगा दी है । ये जो भी अधिकारी या नेता रहा होगा जनता के लिए मजाक का विषय तो बन गया है ।
इतना ही नहीं दिलाराम बाज़ार पर स्थित राज प्लाजा पर तो नया ही कारनामा कर दिखाया इस सब संस्थानों ने सड़क के एक हिस्से को ही पार्किंग के रूप में प्रयोग
किया जाने लगा है जो नितांत अवैध और गैरकानूनी है। ठीक इसी तरह राजपुर रोड पर पैसिफिक माल वालों ने तो PWD और नगर निगम सहित विश्व बैंक की मदद से पैदल चलने वालों या सुबह -शाम वाक करने वालों की सुविधा के लिए जो फुट पथ बनाया था उसपर ही कब्जा कर डाला है। कोई भी सरकारी महकमा इस तरफ देखने को तैयार नहीं है क्योंकि जिन्होंने इस अवैध कब्जे पर कलम चलानी है उनकी गाड़ियों को मॉल वाला फ्री पार्किंग की सुविधा दे देता है बाकी जनता को ये अपने यहाँ भीतर बनाई गयी पार्किंग में पैसे लेकर गाडियां पार्क करवाता है।
ठीक इसी तरह शहर के बीचों बीच स्थित क्रॉस रोड माल भी यही हाल है यहाँ सड़क पर काफी जगह पार्किंग की होने की बाद भी CPU पुलिस द्वारा चालान किया जाता है ताकि लोग अपने वाहनों कि पार्किंग क्रॉस रोड माल की पार्किंग में करें और इसके स्वामी को उस पार्किंग का पैसा मिले ,
ठीक क्रॉस रोड़ माल के सामने नैनी बेकरी के सामने भी कई गाड़ियां पार्क होती है इस पर CPU कि नज़र क्यों नहीं जाती है जबकि यह अवैध पार्किंग यातायात को भी अवरुद्ध करती है।
सूत्र तो तह भी बताते हैं कि इन माल स्वामियों द्वारा पुलिस व अन्य संस्थानों को इसका नजराना दिया जाता है।
स्मार्ट पार्किंग के अनुबन्ध के अनुसार70 प्रतिशत लाभ स्मार्ट पार्किंग के ठेकेदार के पास(इसमे कितने प्रतिशत नेताजी व अधिकारियो कि जेब मे मालूम नही)व 30 प्रतिशत नगरनिगम व mdda को वाह जी वाह