देवदूत बना उत्तराखंड पुलिस का यह जवान !
जब कभी भी, कहीं भी कोई शख्स मुसीबत के वक़्त लोगों की उम्मीद बन जाता है , बेसहारा को सहारा देता है, महरूम की मदद में मशरूफ होकर पीड़ितों के घाव पर मरहम लगाता है…, तब – तब हमारे समाज ने ऐसे शख्स को देवदूत पुकारा है । और देवदूत भी हमेशा वही कहलाया जाता है, जिसने इंसानी खिदमत को ही अपना धर्म बना दिया हो । और कुछ ऐसा ही कमाल कर दिखाया उत्तराखंड पुलिस के इस जवान ने ।
यहाँ आज मैं जिक्र कर रहा हूँ उत्तराखंड में उस पुलिस के जवान की जो हर वक़्त सांसद तीरथ सिंह रावत की सुरक्षा में तैनात रहता है । जिसका नाम है सुभाष मैठाणी, जिसे अब लोग सांसद का देवदूत भी कहने लगे हैं ।
इस बात से तो आप सभी विज्ञ हैं कि सांसद तीरथ सिंह रावत हाल ही में एक भयानक सड़क हादसे का शिकार हो गए थे । रोंगटे खड़े कर देने वाली ऐसी भीषण सड़क दुर्घटना के बाद तो अच्छे खासे लोग होश खो देते हैं । सांसद के साथ घटी घटना भी कोई मामूली घटना नहीं थी ।
गनीमत रही कि सांसद को तुरन्त मदद मिल गई । और एक बड़ी अनहोनी होने से टल गई । इस घटना को लोग किसी चमत्कार से कम नहीं मान रहे हैं । लेकिन चमत्कार के साथ-साथ मौके पर रियल हीरो बने सुभाष मैठाणी के सूझ-बूझ को भी लोग सोशल मीडिया पर खूब सराह रहे हैं । सोशल मीडिया पर कई लोगों ने सुभाष मैठाणी को देवदूत कहते हुई अपनी-अपनी पोस्ट अपलोड की हुई हैं ।
बीते रविवार दिल्ली से देहरादून लौट रहे सांसद की XUV 500 कार को एक अन्य वाहन चालक ने रॉन्ग साईट से टक्कर मार दी थी । जिसके बाद सांसद की गाड़ी हवा में उछलने बाद तीन पलटी खाते औंधे मुँह जा गिरी । दिल दहला देने वाली यह घटना किसी फिल्मी स्टंट से कम नहीं थी । हादसा कितना खौफनाक रहा होगा, इसका अंदाजा गाड़ी को देखकर लगाया जा सकता है ।
हादसे के वक़्त सांसद तीरथ सिंह रावत Teerath Singh Rawat, उनके निजी सचिव विजय सती Vijay Sati, ड्राइबर व गनर सुभाष मैठाणी Subhash Maithani भी गाड़ी में ही मौजूद थे । इस बीच सभी भारी दहशत में आ गए थे । लेकिन गनर सुभाष मैठाणी ने अपनी सूझ बूझ का परिचय देते हुए उल्टी पड़ी गाड़ी से सबसे पहले खुद को बाहर निकाला । फिर बूट से गाड़ी के शीशे तोड़े और बड़ी मुश्किल से सांसद सहित तीनों घायलों को एक-एक करके बाहर निकाला, अस्पताल पहुंचाया । व प्रशासन को भी घटना की सूचना भेजी । जबकि आरोपी वाहन चालक जिसने सांसद की गाड़ी को हिट किया था, वह मदद करने बजाय मौके से भाग खड़ा हुआ था ।
इस बीच घायल गनर सुभाष ने अपने दर्द को छिपाते हुए पहले अपने कर्तव्य को निभाया । बताया गया जब गाड़ी एक्सीडेंट हुई तो उस वक़्त तीन पलटियों के बाद छत के बल करीब 60 मीटर दूर तक गाड़ी घिसटते हुए आगे जा गिरी । सुभाष को जब हमने शाबाशी दी तो सुभाष ने कहा सुरक्षा में तैनात हर कर्मचारी का यही पहला फर्ज है जो मैंने किया । सुभाष ने खुद श्रेय लेने के बजाय कहा कि मैंने अपना फर्ज पूरा किया । मेरी पहली प्राथमिकता साहब की सुरक्षा है फिर अपनी । और यही पुलिस की ट्रैनिंग भी है ।
◆ सुभाष ने जो देखा वो सुनाया :
सुभाष ने बातचीत में बताया कि जैसे ही हमारी गाड़ी को रॉन्ग साईट से टक्कर लगी तो हाईवे पर तेज गति से चल रही हमारी गाड़ी से ड्राइबर का नियंत्रण हट गया था । जिसके बाद सभी लोग दहशत में आ गए थे ।
सुभाष ने बताया कि जब गाड़ी हवा में उछलते हुए सड़क पर उल्टी होकर रुकी तो उस वक़्त कुछ समझ नहीं आया मेरा मुँह आगे वाले शीशे पर चिपका हुआ था । मुझे लगा कि मेरा चेहरा कट फट गया । धीरे से हाथ चेहरे पर ले गया तो तसल्ली हुई कि चेहरा ठीक था । दूसरी तरफ ड्राइबर की आंखे खुली की खुली रह गई थी, उसे हिलाया डुलाया उसके शरीर में हरकत हुई । इतने में मैंने सबसे पहले फ्रंट शीशा लात मारकर तोड़ा फिर ड्राइबर को बाहर खींचा ।
MP साहब व उनके निजी सचिव पीछे की तरफ घायल पड़े थे । फिर साईट की खिड़कियों के शीशे तोड़कर उन्हें भी बाहर निकाला और तुरंत अस्पताल भिजवाया ।
सुभाष आगे बताते हैं कि हम सब इतने भयानक दुर्घटना के बाद आज जीवित हैं, कभी-कभी यक़ीन नहीं होता है । इसे ऊपर वाले का ही चमत्कार कहा जा सकता है । क्योंकि यह मामूली दुर्घटना नहीं थी । जितनी चोटें आई है वह भी ना के बराबर है इस हादसे के सामने ।
SHashi Bhushan Maithani Paras