Suspence : उत्तराखण्ड का 9वां मुख्यमंत्री घोषित सस्पेंस हुआ समाप्त ?
* मैंने चुनाव नतीजे घोषित होते ही अपनी रिपोर्ट में लिख डाला था कि यही बनेंगे उत्तराखण्ड के अगले यानी 9वें मुख्यमंत्री ।
* मुख्यमंत्री के नाम के ऐलान होते ही चौकस की गई सुरक्षा व्यवस्था, उत्तराखण्ड के 9वें मुख्यमंत्री को डीजीपी, और मुख्यसचिव ने भी घर पर जाकर ठोका सलाम ।
* मौसम के खराब रहने की संभावना राजभवन के सभागार में ही होगा शपथ ग्रहण समारोह ।
* प्रकाश पंत होंगे सीएम उत्तराखण्ड ।
* प्रकाश पंत लेंगे मुख्यमंत्री पद की शपथ, पंत पहुंचे भाजपा प्रदेश कार्यालय कार्यकर्ताओं ने की जोरदार नारेबाजी, पंत को मुख्यमंत्री चुने जाने पर दी बधाई ।
* उत्तराखण्ड के मुख्य सचिव होंगे उत्पल कुमार ।
* उत्तराखण्ड में CM के लिए सतपाल महाराज के नाम पर लगी मुहर, महाराज हैं मोदी व भागवत की पहली पसंद ।
* प्रकाश पंत तीन दिन बाद ही हो गए थे रेस से बाहर गढ़वाल से ही होगा इस बार मुख्यमंत्री ।
* CM के लिए त्रिवेंद्र रावत का नाम हुआ फाइनल उत्तराखंड के 9वें मुख्यमंत्री बनेगे त्रिवेन्द्र ।
* माननीय त्रिवेंद्र रावत जी को राज्य के 9वें मुख्यमंत्री चुने जाने पर मेरी ओर से बधाई व शुभकामनाएं ।
* राज्य के नवें मुख्यमंत्री माननीय त्रिवेन्द्र जी का जन्म यहां हुआ, उनकी शिक्षा वहां हुई और तो और उन्हे खाने में वो ज्यादा पसंद है ।
* अब प्रदेश में होगा ढेंचू ढेंचू ….
* वाह रे मोदी साहब भ्रष्टाचार मिटाने की बात करते हो और उस आदमी को इस प्रदेश का मुख्यमंत्री बना दिया जिस पर ढेंचा बीच घोटाले का मामला चल रहा है और मामला अभी भी नैनीताल हाईकोर्ट में लम्बित है ।
* हरीश रावत की भविष्यवाणी हुई सच अब पूरे 5 साल रावत ही करेगा राज ।
माफ कीजिएगा ये सब मेरा लिखा हुआ नहीं है बल्कि फेसबुक से अलग-अलग लोगों की वॉल से कॉपी किया गया उनका स्टेट्स है ।
इसी बीच एक और स्टेट्स मिलता है ……
त्रिवेन्द्र रावत के साथ फेस बुक पर फोटो लगा रहे लोग सतपाल महाराज और प्रकाश पंत के साथ भी अपनी फोटो खोज कर रखे – कृष्णकान्त सेमवाल पत्रकार (गोपेश्वर)
दरअसल कल 15 मार्च की शाम तकरीबन 7 बजे के बाद एक साथ झुण्ड के झुण्ड में फेसबुक्यों ने अपनी-अपनी वॉल पर खबर ब्रेक करनी शुरू कर दी थी कि सूबे के 9वें मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत घोषित कर लिए गए हैं । और शपथ ग्रहण समारोह राजभवन में ही होगा क्योंकि हाल के दिनों में मौसम का मिजाज कुछ ठीक नहीं है ।
साथ ही साथ तेजी से यह खबर भी आने लगी कि त्रिवेन्द्र रावत को मोदी जी ने दिल्ली बुला लिया है । एक सज्जन ने तो अपनी पोस्ट में मुख्यमंत्री शपथ से पहले ही प्रदेश के हालिया मुख्यसचिव का तबादला कर उनकी जगह पर त्रिवेन्द्र के पसंदीदा उत्पल कुमार को तक तैनात कर दिया था । इतना ही नहीं एक सज्जन ने तो सीएम से पहले चमोली जनपद में बतौर डीएम रंजीत सिन्हा को ज़िम्मेदारी सौंप दी थी ।
देखते ही देखते चंद मिनटों में अब कई फेसबुक के असंख्य प्राणी, त्रिवेंद्र रावत के साथ अपनी-अपनी पुरानी फोटो के जोड़कर पोस्ट अपडेट करने लगे थे । रात 12 बजे तक मेरी जिज्ञासा भी शांत न हो सकी मोबाईल की रोशनी से लट-पट करती आँखें साढ़े 12 बजे तक ही मोबाइल को झेल सकीं और फिर मै सो ही गया था । फिर जब सुबह उठा तो फेसबुक पर एक अनेक सदस्यों द्वारा “ढेंचू –ढेंचू” गुड्मोर्निंग…. सुप्रभातम लिखे स्टेट्स अपडेट मिले उसके बाद तो अभी तक ढेंचू (ढेंचा) का ही बोलबाला सोशल मीडिया पर है ।
फेसबुक पत्रकारिता में मुख्यधारा के पत्रकार भी पीछे नहीं रहे । कई पत्रकार अपनी पीठ थपथपाती पोस्ट को अपडेट कर लाईक और कमेंट्स बटोर रहे थे कि मेरा आंकलन सही निकाला मैंने तो 10 दिन पहले , 7 दिन पहले , चुनाव नतीजे वाले दिन , आदि इत्यादि न जाने कौन कौन से दिन गिना रहे थे, पर लिख रहे थे कि मेरी भविष्यवाणी सटीक साबित हुई । लेकिन अफसोस कि इनकी भविष्यवाणी भी बेजान दारू जैसी ही रही क्योंकि अभी तक भी किसी का भी नाम मुख्यमंत्री के लिए फ़ाईनल नहीं हुआ है ।
लेकिन एक चौंकाने वाली खबर यह भी आई कि मुख्यमंत्री के दावेदार लोग अपना-अपना पक्ष मजबूत करने के लिए जानबूझकर इस तरह की हवा बनवा रहे हैं ताकि केंद्रीय नेतृत्व कोई भी फैसला लेने से पहले जन भावनाओं को भी संज्ञान लेते हुए उनपर कृपा बनाए रख सके ।
बहरहाल फिलवक्त तक सतपाल महाराज, त्रिवेंद्र रावत और प्रकाश पंत का त्रिकोण यथावत है , तीनों में से कोई भी सीएम बन सकता है सभी अच्छी ख़ासी हैसियत व राजनीतिक सूझबूझ व पकड़ वाले हैं । लेकिन सच यह भी है कि इन सबमें सतपाल महाराज एकमात्र ऐसे दावेदार हैं जो किसी गुट के भरोसे नहीं बल्कि अपनी व्यक्तिगत छवि के कारण रेस में बने हुए हैं । कयास तो यह भी लगाए जा रहे हैं कि महाराज को विधानसभा अध्यक्ष का पद ऑफर किया जा सकता है, लेकिन जानकारों का मानना है कि महाराज को वाकही में अगर इस तरह की ऑफर मिलती है तो वे कभी भी इसे स्वीकार नहीं करेंगे । वह सीनियर लीडर हैं वह अपने से जूनियर किसी भी नेता के मुख्यमंत्री रहते यह पद स्वीकार नहीं करेंगे । लेकिन मेरे जो सूत्र वह यह बताते हैं कि कल जिस तरह से त्रिवेन्द्र रावत को सोशल मीडिया पर बतौर सीएम उन्हे उनके समर्थकों ने उतावलेपन जिस तरह बधाईयाँ दी या उन्हे महिमामंडित किया उसका उन्हे काफी नुकसान झेलना पड़ सकता है । क्योंकि एन वक़्त पर विपक्षियों द्वारा त्रिवेन्द्र रावत से जुड़े ‘ढेंचा बीज’ घोटाला मामला जो कि नैनीताल हाईकोर्ट में लंबित है को भी जबरदस्त तरीके से सोशल मीडिया पर उछाला गया । इस नाते अब एक बार फिर समीकरण प्रकाश पंत के पक्ष में बनते नजर आ रहे हैं । लेकिन त्रिवेन्द्र रावत की संघ से करीबी को भी नकारा नहीं जा सकता है । फिलहाल सबकी नजरें मोदी और अमित शाह पर टिकी हैं जिसके लिए हमें कल यानी 17 मार्च शाम तक का इंतजार करना ही पड़ेगा ।
एक और मजेदार बात कि देश के कई नामी चैनलों ने उत्तराखंड के तीनों दावेदारों को अपनी ब्रेकिंग न्यूज में जगह दे दी है । इन चैनलों के स्क्रीन शॉट हमारे पास मौजूद हैं एक ही चैनल कभी खबर ब्रेक करता है कि सतपाल महाराज होंगे उत्तराखंड के सीएम तो दूसरे ही पल बारी – बारी त्रिवेन्द्र रावत और फिर प्रकाश पंत के नामों को भी इसी तरह ब्रेकिंग में दे दिया गया । यह है मीडिया का उतावलापन । लेकिन प्रिंट मीडिया आज भी होड़ से इतर खबरों के मामले में विश्वसनीयता बनाए हुए है । कुल मिलाकर मीडिया हो या सोशल मीडिया से जुड़ें लोग सभी को सयम बरतने के साथ-साथ गंभीरता दर्शाने की जरूरत है । मुख्यमंत्री इन तीनों नाम में से कोई भी एक बनेगा ये तो पक्का है ।
- शशि भूषण मैठाणी ‘पारस’
बधाई हो बधाई
त्रिवेंद्र रावत जी ही होंन्गे CM उत्तराखण्ड ।सब कुछ तय हो चूका है। मात्र घोषणा होने बाकी है।
जय हो