Logo Youth icon Yi National Media HindiTeenager Sex : लड़का-लड़की बंद कार के अंदर क्या कर रहे हैं ! उत्तराखण्ड में कच्ची उम्र में बहक रहे हैं नौनिहालों के कदम ।

Harmful effects of early sex STD sexualy transmitted diseases Injuries PID pelvic inflammatory disease Infection causes infertility Psychology problems Increased risk of cancer .  Dr. Sumita Prabhakar, Gynaecologist (CMI Hospital Dehradun Uttrakhand )

  • उम्र से पहले ही सेक्स के आदी हो रहे हैं बच्चे !
  • कामुकता और सेक्स का जबर्दस्त चस्का लग रहा है देहरादून के बच्चों को !  
  • माँ-बाप की लापरवाई से कम उम्र के बच्चे फंस रहे हैं इस दलदल में !
  • कैंसर जैसी भयानक बीमारी के शिकार बन सकती हैं लड़कियां !  
shashi bhushan maithani paras editor and director Youth icon yi national media
Shashi Bhushan Maithani ‘Paras’ Editor 

देहरादून। समय के साथ-साथ अब दुनियां बहुत तेजी से बदल रही है । दूरियाँ सिमट रही है और नज़दीकियाँ बढ़ रही रही हैं । आज के युग में अमीर हो या गरीब अधिकांश एक ही दिशा में बढ़ रहे हैं, और वह है चकाचक लाईफ स्टाईल । इतना ही नहीं जिनका वक़्त गुजर गया है वह भी सोशल मीडिया के वर्तमान संस्करण में खुद को कम-शीन, नाजुक, ब्यूटीफुल या हैंडसम बनाए रखना चाहते हैं । लाईफ स्टाईल को बदलने वालों की

sax उम्र से पहले ही सेक्स के आदी हो रहे हैं बच्चे ! कामुकता और सेक्स का जबर्दस्त चस्का लग रहा है देहरादून के बच्चों को !   माँ-बाप की लापरवाई से कम उम्र के बच्चे फंस रहे हैं इस दलदल में ! कैंसर जैसी भयानक बीमारी के शिकार बन सकती हैं लड़कियां !  
उम्र से पहले ही सेक्स के आदी हो रहे हैं बच्चे !
कामुकता और सेक्स का जबर्दस्त चस्का लग रहा है देहरादून के बच्चों को !  
माँ-बाप की लापरवाई से कम उम्र के बच्चे फंस रहे हैं इस दलदल में !
कैंसर जैसी भयानक बीमारी के शिकार बन सकती हैं लड़कियां !

इस रेलम-पेल के बीच कहीं अच्छे परिणाम हैं तो कहीं भयानक दुष्परिणाम भी । आज व्हाट्स्प के इस दौर में हिन्दुस्तानी तमीज और तहज़ीब का किला तेजी से ढह रहा है इस बात से कोई भी इन्कार नहीं सकता है । आज घर परिवार हो या समाज पूरी तरह से दिखावे की भेंट चढ़ गया है । सभ्यता, संस्कृति और संस्कार की बातें अब कुछ समय बाद संभवत: इतिहास के पन्नो में समेट लिया जाएगा ।  

दिखावे की इस अंधी दौड़ के बीच अब हम आप अपने बच्चों को संस्कार सिखाना ही भूल गए हैं । व्हाट्स्प का कमाल तो यह है कि अब माँ और बाप के पास अपने बच्चों को प्यार-दुलार देने तक का वक़्त नहीं बचा है । बच्चों की तो छोड़िए पति-पत्नी के पास भी अब एक दूसरे के लिए समय नहीं बचा है, और न ही रिश्तों की मर्यादा । ऐसे बहुत से मामले बीते दिनों में सामने आ चुके हैं कि पति-पत्नी अपने मूल रिश्ते से भटक गए हैं ।  एक ही घर में एक ही छत के नीचे रहने के बाबजूद उनके बाहर अन्यत्र अवैध रिश्ते बने होते हैं या यूं कहें कि ढलती उम्र में इश्कबाजी परवान चढ़ रही हैं । और इस सबके पीछे कारण सामने आया फेसबुक और सबसे ज्यादा व्हाट्स्प । अब जिन घरों में माता-पिता ही बहके हुए फैसलों के साथ नादानीभरा जीवन हर रोज नई उमंग और अलहड़ता के साथ जीने की जद्दोजहद में लगे हों, जीवन जी रहे हों तो ऐसे में उन घरों में संस्कारों की बात तो भूल ही जाईए । यह तो हमारे बुजुर्ग भी कह गए हैं कि …. संस्कार कभी भी पढ़ाए या सिखाये नहीं आते हैं । संस्कार तो बच्चे युवा अवस्था तक पहुँचते-पहुँचते घर परिवार की दिनचर्या,घर में मौजूद सदस्यों के व्यवहार और वहां के वातावरण से सीख लेता है । बाल्यावस्था से किशोरावस्था तक उसे जो कुछ अपने घर की चार दीवारी में सालों-साल देखने व सुनने को जो मिलता है, उसी को वह धीरे-धीरे सीखता है और हमेशा के लिए आत्मसात भी कर लेता है । फिर जब वह बालक या बालिका घर से बाहर निकलते हैं तो वह उसी घर के आचरण / व्यवहार को समाज के सामने भी रखता है । ऐसी एक धारणा समाज में संस्कार और चरित्र के आंकलन को लेकर हमेशा से बनी हुई है, जो कि मैं नहीं कह रहा हूँ । इस लेख में मै यह भी बताने की कोशिस नहीं कर रहा हूँ कि सभी माँ बाप अपने बच्चों की असामाजिक हरकतों के लिए जिम्मेदार होते हैं ।

नोट : आगे हमने रिपोर्ट में बड़ी ही ज़िम्मेदारी के साथ उन दोनों नाबालिग बच्चों के नाम पता व पहचान छुपाई गई है जिन्हें देहारादून मे स्थानीय लोगों की शिकायत के बाद पुलिस ने रंगे हाथ बंद गाड़ी में पकड़ लिया था ।  मौके पर पकड़े गए  लड़के लड़की की फोटो व कार की नंबर प्लेट को भी पूरी तरह से ब्लर  किया गया है । साथ ही घटना की तिथि का भी जिक्र नहीं गया है । 

स्पष्टीकरण : आज मेरे इस लेख के शीर्षक से बहुत से लोगों के मन में सवाल उठ रहा होगा कि क्या अब यूथ आइकॉन क्रिएटिब मीडिया भी उस जमात में शामिल हो गया जहां सिर्फ सेक्स की बातों को परोसकर पोर्टल की रेटिंग बढ़ाने का काम किया जाता है । लेकिन मै अपने इस लेख को आगे विस्तार देने से पहले यहां पर यह स्पष्ट कर देना चाहता हूँ कि “यूथ आइकॉन” क्रिएटिब मीडिया कभी भी अपनी ज़िम्मेदारी से पीछे नहीं हटेगा और न ही कभी अपने शुद्धि पाठकों का विश्वास तोड़ने का काम करेगा । मेरा आज का यह लेख एक समाचार न होकर समाज के एक ज्वलंत मुद्दे को पाठकों के बीच रखकर उस पर खुली चर्चा करना भी है । उम्मीद करता हूँ आपके विचार भी हमें इस लेख के अंत में कॉमेंट बॉक्स में मिलेंगे ।  

अब बात मुद्दे की :

नौनिहालों के बहकते कदम
नौनिहालों के बहकते कदम

इस स्टोरी को लिखने की जरूरत इस लिए महसूस हुई, क्योंकि आज जिन नौनिहालों को मां-बाप घर से कभी किसी काम से बाहर या फिर ट्यूशन भेजते हैं तो वह इसकी आड़ में क्या गुल खिलाते हैं, इस स्टोरी को पढ़ने के बाद आप सभी को अच्छे से मालूम भी हो जाएगा । मै यहां पर इन बातों को किसी कयासबाजी के साथ नहीं बल्कि पुख्ता प्रमाण के साथ पेश कर रहा हूँ । और मुझे उम्मीद हैंकि आज जो कोई भी इस लेख को पढ़ेगा तो वह अपने बच्चों के प्रति अवश्य जागरूक भी होंगे । 

आजकल मॉडर्न लाइफ स्टाईल को अपनाना नई पीढ़ी की पहली ख्वाहिस बन गई है ।  और इसकी शुरुआत होती है स्मार्ट एण्ड्रोइटमोबाइल फोन और  इंटरनेट से ।  इसके बाद तो जिस चीज को पाने की कल्पना की वह सब मुट्ठी में मौजूद है । जिसका सदुपयोग कम और दुरुपयोग ज्यादा होता दिखाई दे रहा है । यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि अंतरताना के इस युग में भारतीय संस्कारों कि जमकर धज्जियां उड़ रही हैं और अश्लीलता बेखौफ घर-घर तक हर हाथ में पसर चुकी है । जिस कारण कच्ची उम्र में ही बच्चे अब सेक्स की चासनी में गोता लगाने को आतुर हो रहे हैं ।  

हाल ही में एक ऐसा ही मामला सामने आया है देहरादून के डालनवाला वाला स्थित बिजली दफ्तर के पास तेगबहादुर रोड पर जहां दो बच्चे ट्यूशन पढ़ने के बहाने घर से तो निकले लेकिन यह दोनों ट्यूशन न जाकर सीधे पहुँच गए बिजली दफ्तर वाली एक वीवीआईपी सोसाईटी में महज 12वीं में पढ़ने वाला लड़का एक सफ़ेद रंग की स्विफ्ट कार में 11 वीं में पढ़ने वाली अपनी गर्लफ्रेंड को लेकर आया । तब ठीक 4 बजे का समय था आसमान में चटक धूप खिली थी और लोग इस रोड से पैदल आना जाना कर रहे थे, तभी लड़का रोड के किनारे पर मौजूद कुछ पेड़ो की छाया में कार को खड़ी कर उसका AC भी ऑन कर देता है । देखते ही देखते कुछ ही पल में कामुकता के लिए आतुर कच्ची उम्र के ये दोनों नौनिहाल बीच सड़क पर भरी दोपहरी में ही एक दूसरे की बाहों में समा गए थे । ये दोनों सेक्स के नशे में इस कदर चूर थे कि फिर इन्हें बाहर खड़े लोगों की भी परवाह नहीं रही । एक प्रत्यक्षदर्शी ने तो बकायदा 42 मिनट का वीडियो तक बना डाला जिसे बाद में पुलिस को सौंपा दिया गया था । आसपास के लोगों की शिकायत पर जब मौके पर पुलिस पहुंची तो इन्हें कार से बाहर निकाला गया फिर भीड़ को देख दोनों ही बच्चे सकपका गए । पहाड़ मूल की लड़की ने बिल्कुल भी अपने घर का पता या फोन नंबर नहीं दिया जबकि देहरादून में रहने वाले लड़के ने करीब एक घंटे तक पुलिस के नाक में दम किए रखा । यह लड़का अपने फोन से अलग-अलग नंबरों पर फोन करता रहा कभी उसने कहा कि फोन पर उसकी माँ है तो कभी बड़ी बहिन । इसी तरह उसने एक बार अपने पापा से भी पुलिस की बात कारवाई जब शक हुआ तो हकीकत सामने आई पता चला कि दूसरी ओर से कभी माँ , बहिन या पापा बनकर जो पुलिस से बात कर रहे थे वह पकड़े गए लड़के और लड़की के ही दोस्तों में से हैं ।  फिर तो जब पुलिस ने सख्ती दिखाई तो लड़के ने बड़ी मुश्किल से अपने पापा का फोन मिला दिया । बताते चलें यह दोनों बच्चे देहरादून के उन दो नामी स्कूलों में पढ़ते हैं जहां लोग अपने बच्चों के एडमिशन करवाने लिए मुख्यमंत्री तक की सिफारिशी अर्जि लगाते हैं । इनमें से एक स्कूल राजपुर रोड का है जबकि दूसरा परेड ग्राऊण्ड से सटा हुआ ।

Dr. Sumita Prabhakar, Gynaecologist (CMI Hospital Dehradun Uttrakhand )
Dr. Sumita Prabhakar, Gynaecologist (CMI Hospital Dehradun Uttrakhand )

आइए जानते हैं कच्ची उम्र के इन बड़े खतरों के बारे में जानीमानी स्त्रीरोग विशेषज्ञ डॉ0 सुमिता प्रभाकर से ।

अगर बच्चों की बॉडी पूरी तरह से मेच्योर नहीं है और वह इतनी छोटी उम्र में सेक्स करते हैं तो उसके हार्म्फ़ुल इफेक्ट हैं इन्हें इन्फेक्शन होने खतरा रहता है, लड़की को इंटरनेल इंज्यूरी हो सकती है । क्योंकि इतनी छोटी उम्र में चाहे वह लड़का हो या लड़की इन्हें सेक्स की पूरी जानकारी ही नहीं होती है और अगर कुछ होता भी है तो वह सिर्फ एक आकर्षण और इस सबके बीच आजकल के बच्चे बेहद कम उम्र में तमाम मोबाईल, इन्टरनेट या टीवी पर दिखाई देने वाली चीजों को खुद भी एक्सपेरिमेंट करने लगते हैं जो कि आने वाले समय में इन्हे कैंसर जैंसी भयानक बीमारी भी दे सकता है । इतनी छोटी उम्र में इन्हे इस बारे में कोई नॉलेज ही नहीं होती है बच्चे कंडोम तक यूज नहीं करते हैं और नही किसी तरह की पिल्स । आपको जानकर ताज्जुब होगा कि हमारे पास ऐसे बहुत सारे एक्सीडेंटल केश आते हैं जिनमें महज 11 साल  12 साल  या फिर 13 साल तक की लड़कियों के प्रिग्नेंसी केश होते हैं । जिसे हम एक्सीडेंटल प्रिग्नेंसी कहते हैं,क्योंकि इन बच्चों को पता ही नहीं है कि ऐसा करने से ऐसी पोसिब्लीटि भी हो जाती है । और अगर इतनी कच्ची उम्र में एबोर्सन करेंगे तो निश्चित ही ऐसी बच्चियों को आगे जाकर बहुत दिक्कतें आएंगी माँ नहीं बन पाने का भी खतरा रहता है, कम उम्र में सेक्स से इन्फेक्शन और फिर उससे पीरियड में दिक्कतें और यंग एज में ही व्हाइट डिस्चार्ज हो जाता है । यंग एज में सेक्स करने HPV वायरस का सर्वाधिक खतरा बढ़ जाता है जिससे Human papilloma virus कहते हैं इससे फिर यूटर्स के कैंसर का खतरा अत्यधिक बढ़ जाता है ।

* अगर बच्चे इस तरह की गलत आदतों में पड़ चुके हैं तो फिर उन्हे माँ बाप कैसे पहचान सकते हैं ?

देखिये बच्चा पढ़ाई में ध्यान नहीं दे रहा है ज्यादा मैकअप पर ध्यान देना मोबाईल से ज्यादा जुड़े रहना वेब साईट या यू ट्यूब पर कुछ चीजें सर्च कर रहा है । के अलावा पेंटी पर डिस्चार्ज, यूरिनल इन्फेक्शन या लड़कियों में पीरियड की प्रॉबलम , बिना बच्चों की जानकारी के उनके पर्स या बैग को रेग्युलर चैक करते रहना क्योंकि बहुत से बच्चों के पर्स या बैग में पेरेंट्स को गर्भनिरोधक गोलियां या कंडोम तक मिले हैं ऐसे भी बहुत से केश सामने आते रहते हैं । आजकल बच्चे सभी अच्छे स्कूलों में पढ़ रहे हैं और खासकर इस इन्टरनेट के जमाने में उन्हें सब पता भी है कि अनवांटेड प्रिगनेंसी को रोकने के लिए हमें क्या करना है, और कौन सी दवाईया लेनी है ।  बस अब यही है कि हर माँ – बाप को ज्यादा से ज्यादा अलर्ट रहने की अवश्यकता है ।

*ऐसे भी बहुत से मामले सामने आते हैं जब बड़े लोग बच्चों को रोकने की कोशिस करते हैं तो बच्चे जबाब देते हैं कि आप कौन होते हो , ये हमारी मर्जी है ऐसे में उन्हें कैसे समझाया जाय ?

हाँ आपकी ये बात बिल्कुल सच है । दरअसल बच्चे नई तकनीकी इन्टरनेट के इस युग में अपने आपको बहुत एडवांस मान रहे हैं । जबकि यह सच नहीं है बच्चे सिर्फ फैशन के साथ दिखावे वाली जिंदगी जी रहे हैं उन्हे अच्छे और बुरे की समझ होती ही नहीं है हालांकि आज बच्चों को बहुत सारी नॉलेज भी है क्योंकि नॉलेज गेन करने के लिए उनके पास हमारे अलावा बहुत सारे प्लेटफॉर्म्स मौजूद हैं । लेकिन हमें बच्चों को यह भी बताना होगा कि जिन माध्यमों से आप नॉलेज ले रहे हो उसमें बहुत बड़ा बाजार (मार्केट) छुपा होता है । इसलिए बच्चों को माता – पिता से ज्यादा अच्छी नॉलेज इस बारे में कोई दे ही नहीं सकता है । बच्चों को यह समझाने की जरूरत है कि कच्ची उम्र में इस तरह की हरकतों से सिर्फ और सिर्फ आपके ही शरीर को नुकसान होता है । 

स्कूल टाईम में ही प्यार मोहबत्त की गिरफ्त में आ चुके कच्ची उम्र के बच्चे व्हाट्सप फेसबुक और यू-ट्यूब के खुले बाजार का फायदा इस तरह के कृत्यों में खूब उठा रहे हैं । आम तौर पर अब देहरादून हो या अन्य छोटे बड़े शहर कमोबेश सभी जगह एक से हालात हैं ।दिन हो या  शाम स्कूटी, मोटरसाइकिल और कार में आपको युवाओं की अल्लहड़ जमात शहर की सड़कों पर एक-दूसरे से गलबहियाँ करतेमिल जायेंगे । इसीके चलते अब देहरादून के कई ईलाकों में प्रेमी जोड़ों ने अपने के लिए कुछ खास ठिकाने भी बनाए हुए हैं । मसलन आरघर चौक से महज 200 मीटर की दूरी पर बलबीर रोड से अलग होती बिजली दफ्तर वाली तेग बहादुर रोड को कच्ची उम्र के इश्कजादों ने अपने लिए सबसे ज्यादा महफूज माना है । यकीन, न हो तो आप स्वयं देख सकते हैं । यहां हर भरी दोपहरी से लेकर शाम तक तेगबहादुर रोड के हाईडिल ऑफिस, रिवरडेल स्कूल वाली गली, मायावती की कोठी से सनवेली, समरवेली स्कूल की दोनों लेन, IBMटावर वाली गली के अलावा नेहरू कालोनी के फबारा चौक तक में प्रेमी जोड़े जहां तहां स्कूटी या कार में बैठे मिल जाएंगे । जिसकी शिकायत कई बार आसपास के घरों में रहने वाले लोगों ने पुलिस को भी कर दी है । कुल मिलाकर यह पूरा का पूरा रिहायशी इलाका लबर्स प्वाइंट या लबर्स स्ट्रीट में तबदील होता जा रहा है । अश्लीलता इस चरम तक जा पहुंची है कि लोगों का परिवार के साथ बाहर निकलना दूभर होता जा रहा है । पुलिस भी कई बार इन गलियों में अश्लील हरकत करने वाले जोड़ों की दौड़ लगा चुकी है, लेकिन नए जमाने की यह नई खेफ समाज में कुछ नया गुल खिलाने के लिए आमादा है । अब हद तो ये हो गई कि इन कच्ची उम्र के बच्चों केहौंसले इस कदर बुलंद हैं कि यह अब लोगों के घरों के आगे गाड़ी खड़ी कर भरी दोपहरी में जमाने की परवाह किए बगैर खुले में बेफिक्र होकर नंगई पर उतर आए हैं ।और ऐसा ही वाकिया हाल ही में लोगों को देखने को मिला देहरादून के एक पौस एरिया में यहां पर दोनों ही नाबालिग बच्चे कामुकता के इतने चरम परगऐ थे कि वह इस बीच यह भी नहीं समझ पाये कि बंद गाड़ी के अंदर उनकी हबश का तमाशा गाड़ी के बाहर खड़ा जमाना देख रहा है । फिर जब कुछ लोगों ने पुलिस की मौजूदगी में कार का दरबाजा पीटा तब जाकर इन दोनों को होश आया । जिसके बाद पुलिस दोनों बच्चों को अपने साथ आराघर पुलिस चौकी ले गई । फिर दोनों के परिजनों को मौके पर बुलाया गया । जिस गाड़ी में बच्चे अश्लील हरकत कर रहे थे उसका तत्काल चालान कर दिया गया था । जबकि बच्चों को सख्त हिदायत देकर परिजनों के सुर्पद कर दिया गया। 

Mahipal Singh Rawat SO Uttrakhand Police * महिपाल सिंह रावत, आराघर चैकी प्रभारी।
महिपाल  रावत

स्थानीय निवासियों द्वारा पुलिस को बंद गाड़ी के अंदर अश्लील हरकत की शिकायत मिली थी । मौके पर पुलिस टीम पहुंची । जिसके बाद गाड़ी का चालान कर दोनों नाबालिग बच्चों को सख्त हिदायत के साथ परिजनों के सर्पुद कर दिया गया है । साथ ही परिजनों को भी समझाया गया कि बच्चों को लेकर जागरूक रहें । समय-समय पर इस तरह के मामले सामने आते रहते हैंजिसमें उचित कार्रवाही की जाती है। पुलिस लगातार इस ईलाके में पेट्रोलिंग करती रहती है ।    महिपाल सिंह रावतआराघर चैकी प्रभारी।

हाल के कुछ ऐसे ही किस्से जो देश के अलग अलग हिस्सों से चर्चा मे आए : 

1 –  मैंने कई लडकों के साथ सेक्स किया हैं लेकिन मुझे डर है कि कहीं मैं…

पिछले दिनों सोशल मीडिया पर आई एक खबर जिसमें बताया गया कि   11 वीं क्लास में पढने वाली छात्रा ने एक मैगजीन को खत लिख कर ऐसा अजीब सवाल पूछा, जिससे सब हैरान रह गए।  लेकिन मैगजीन संचालकों द्वारा सवाल पूछने वाली लड़की को निराश नहीं किया गया । उसके इस सवाल का जवाब भी बड़ी आसानी से दिया गया  लड़की का सवाल कुछ ऐसा था …. 

मैं 11 वीं क्लास में पढ़ती हूं। मैंने कई बार कई लडकों के साथ यौन संबंध बनाए है। एक बार 2 लडकों ने मुझे किसी के साथ सेक्स करते हुए देख लिया था। अब वे मेरे साथ जबरदस्ती करने की कोशिश कर रहे हैं। मैं क्या करूं?

लड़की के सवाल का दिया गया जवाब इस तरह से … 

जब आप कई लडकों के साथ यौन संबंध बना चुकी हो, आपका इस सवाल का अब कोई औचित्य नहीं रह जाता ।   वैसे 16-17 साल की कच्ची उम्र में आप को यह खेल खेलना महंगा पड़ सकता है । बेहतर तो यही होगा कि आप किसी भी लडके के साथ हम बिस्तरी करना फौरन बंद कर दें और उन 2 लडकों को भी कभी अकेले में मिलने का मौका न दें । और जितनी गलती कर ली है अब उसे वहीं पर रोक लें और अच्छी अच्छी किताबों को पढ़ने मे ध्यान केन्द्रित करें । फिर भी आप गलती करती रहीं तो ध्यान रहे आपका भविष्य चौपट भी हो सकता है । 

2 –  9वी क्लास की छात्रा ने स्कूल के बाथरूम में दिया बच्चे को जन्म ! 

बीते दिनों में यह भी खूब सुर्खियों मे रही। हैदराबाद के एक सरकारी स्कूल में ऐसा मामला सामने आया कि जिसे सुनकर सारे लोग स्तब्ध रह गए ।  मामला था कि एक  स्कूल में नौवीं क्लास में पढ़ने वाली  लड़की ने स्कूल के बाथरूम में ही बच्चे को जन्म दे दिया। तब घटना के बारे में जानकारी देते हुए स्कूल शिक्षक ने बताया था कि लड़की ने उन्हें पेट में तेज दर्द होना बताया और वह  बाथरूम चले गई । इसके बाद शिक्षक के द्वारा मदद के तौर पर क्लास की एक लड़की को भी उसके साथ भेजा जब वह वापस आई तो एक हैरान करने वाली हकीकत को भी साथ लेकर आई और पता चला की नाबालिग छात्रा ने  बाथरूम में बच्चे को जन्म दिया है। आपको बता दे की हैदराबाद के मधापुरा इलाके के इस स्कूल में 20 टीचर है जिनमे से 13 महिला शिक्षक हैं। इसके बाद भी सबसे हैरान करने वाली बात यह है की किसी को इस बात की भनक तक नही लग पाई की लड़की गर्भवती है।  

3- उत्तराखंड के रुद्रपुर में नाबालिग ने दिया बच्चे  को जन्म तीसरी मंजिल से  फैका लेकिन फिर भी बच गया बच्चा ! 

अभी ज्यादा दिन नहीं बीते हैं चंद रोज पहले इसी अगस्त के पहले ही दिन उत्तराखंड के रुद्रपुर शहर में फ्लैट पर एक नाबालिग बच्ची ने जब एक नवजात बच्चे को जन्म दिया तो उसने तुरंत बच्चे को  तीसरी मंजिल की खिड़की से उसे बाहर फैक दिया लेकिन था । तब ऐसा चमत्कार हुआ कि नवजात शिशु को जैसे ही उसने नीचे गिराया तो गार्ड को कुछ गिरने की आवाज सुनाई दी और तभी बच्चे के रोने की आवाज भी आने लगी फिर जैसे तैसे बच्चे को उठाया गया और उसे कपड़े में लपेट कर अस्पताल पहुंचाया गया । जहां वह अब स्वस्थ बताया जा रहा है । घटना के बाद छानबीन में आरोपी नाबालिग लड़की से जेबी पूछताछ हुई तो उसने भी सब कुछ सच सच उगल दिया । तब नाबालिग लड़की ने बताया कि उसके पेट में बच्चा उसके प्रेमी का है जो उत्तर प्रदेश के बहेड़ी का रहने वाला है । 

आखिर स्कूली बच्चे ही क्यों बनाने लगते है शारीरिक संबंध

एक समाचार पत्र में प्रकाशित रिपोर्ट के आधार पर सामने आया कि आजकल जो बच्चे बार-बार रैप म्यूजिक सुनते हैं वही लड़के-लड़कियां जल्दी सेक्स यानी कामुकता की शुरुआत कर सकते हैं । बताया गया कि दूसरी तरह के म्यूजिक की अपेक्षा रैप म्यूजिक में साफ-साफ सेक्स मेसेज ज्यादा होते हैं । अमेरिका के ह्यूस्टन राज्य में स्थित टेक्सास यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के मुताबिक, जूनियर स्कूल के जो लड़के-लड़कियां तीन घंटे या उससे ज्यादा देर तक रोजाना रैप म्यूजिक का आनंद उठाते हैं, वे नौवीं कक्षा से ही सेक्स करने लगते हैं और समझते हैं कि उनके संगी-साथी भी ऐसा कर रहे हैं। शोध प्रमुख और यूटीहेल्थस स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के संकाय सहयोगी किमबर्ले जोनसन बेकर का कहना है, “रैप म्यूजिक आपके उस विश्वास को बढ़ाता है कि आपके साथी क्या कर रहे हैं। यह हमें समझाता है कि कुछ चीजें करना ठीक है, जैसे शराब पीना या सेक्स करना।” शोधकर्ताओं ने अभिभावकों को सलाह दी है कि वे अपने बच्चों के साथ खुलकर बातचीत करें। खासतौर पर रैप गानों और उनके बोल के बारे में अवश्य बातचीत करें और उनमें यौन व्यवहार और डेटिग के बारे में उनकी समझ स्पष्ट करें।

शशि भूषण मैठाणी  ‘पारस’ 9756838527 , 7060214681 Logo Youth icon Yi National Media Hindi 

 

By Editor