The government is not taking lessons : भगवान भरोषे यात्रा और यात्री ….!
मौसम विभाग ने 4 दिन पहले यानी कि रविवार से उत्तराखंड में 48 घंटों के लिए अलर्ट जारी किया
था । लेकिन अलर्ट के बावजूद भी चार-धाम यात्रा बदस्तूर जारी रही । आपदा पर आस्था इस कदर हावी रही कि हर दिन करीब 10 से 12 हजार यात्री राज्य के अलग-अलग धामों मे दर्शनों के लिए पहुंचे ।
जबकि मौसम विभाग ने 48 घंटों तक प्रदेश में भारी से भारी बारिश का अंदेशा जताया था । इतना ही नहीं मौसम विभाग ने राज्य सरकार को बाकायदा मौसम के बिगड़ते मिजाज को देखते हुए अलर्ट पर रहने को कहा था । साथ ही नदियों के किनारे बसी बस्तियों समेत नालों और रौखड़ो के आस पास के स्थानों में रह रहे सभी लोगों को सुरक्षित जगहों पर जाने की भी सलाह दी थी ।
ताज्जुब की बात तो यह रही कि इन सब के बावजूद भी प्रदेश सरकार के कान में जू तक नही रेंगी । खतरे की जद में बसे लोगों को सुरक्षित जगह भेजना तो दूर अपने जिम्मेदारियों से पीछा छुडाने के नाम पर चार-धाम यात्रा बदस्तूर जारी रखी । गौरतलब है कि प्रदेश में मौसम विभाग की अधिकांश भविष्यवाणी सटीक बैठ रही है, रविवार से ठीक एक दिन पहले यानी शनिवार के लिए भी मौसम विभाग ने पहले ही तेज आँधी तूफान व भारी वर्षा और उससे नुकसान होने की आशंका भी जताई थी नतीजतन ठीक शनिवार को हुई कुछ ही घंटों की बारिश से अकेले टिहरी में ही 6 जगह पर बादल फटने की घटना सामने आई जबकि चमोली, रुद्रप्रयाग के अलावा गढ़वाल – कुमायूं के कई ईलाकों से भी तब बारिश से नुकशान की खबरें आई ।
गौर कीजिए 16 जून 2013 में भी मौसम विभाग ने राज्य सरकार को उत्तराखण्ड में आई भीषण जल प्रलय से पहले ही भारी चेतावनी जारी कर दी थी । तब भी मौसम विभाग ने पहले ही राज्य सरकार को अलर्ट पर रहने को कहा था । तब अगर विजय बहुगुणा सरकार ने मौसम विभाग की चेतावनी को नजरंदाज न किया होता तो शायद तब के जल प्रलय में हजारों लोग जो बेमौत मारे गए वह सब आज हमारे बीच होते । जून 2013 में भी अलर्ट को हल्के में लेकर राज्य सरकार बात टाल गई थी । जो बाद में सदी का सबसे बड़ा विनाश साबित हुआ ।
हालांकि गनीमत यह भी रही कि अब से महज 4 दिन पहले मौसम विभाग द्वारा जारी किए गए अलर्ट का साया बिना किसी मुसीबत के ही टल गया है लेकिन लगता है कि राज्य सरकार अभी भी पूर्व की घटनाओं से सबक लेने को तैयार नहीं है ।
बेशक अलर्ट के बाद ऋषिकेश से राज्य सरकार ने आपदा प्रबंधन की विशेष टीमों को अलग-अलग क्षेत्रों में निगरानी के लिए रवाना जरूर किया था, लेकिन टीमों की रवानगी कर देने मात्र से ही होने वाले आशंकित नुकसान पर अंकुश नहीं लगाया जा सकता है , बल्कि अलर्ट के दौरान हरीद्वार ऋषिकेश से ही सीमित संख्या में यात्रियों को चारधाम यात्रा के लिए रवाना किया जाना चाहिए था । लेकिन मजेदार बात यह रही कि मौसम विभाग के अलर्ट के बाबजूद चारों धाम के लिए रिकार्ड यात्रियों को रवाना किया गया । कुल मिलाकर आज भी यात्रा और यात्री भगवान भरोषे ही चल रहे हैं ।
Copyright : Youth icon Yi National Creative Media Report, 02.06.2016
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