गन्दा मैला तौलिया पहुंचा जब ड्राइंगरूम में…! तौलिए को इस हाल में देख घर में बच्चों को यकीन ही नहीं हुआ ।
गंदा मैला कुचैला बदरंग हो चुका किचन के एक टॉवल को मैंने जब अपने ड्रॉईंग रूम में सजाया तो मेरी दोनों बेटियां मनस्विनी मैठाणी और यशस्विनी मैठाणी की खुशियों का ठिकाना न रहा । दोनों को यक़ीन नहीं हो रहा था कि गंदा हो चुका तौलिए को कैसे इस तरह सजाया जा सकता है । लेकिन उनके पास यक़ीन करने की वजह यह थी कि उनके पापा यानी मैंने उनके सामने ही इसे तैयार किया ।
बस इसके लिए मुझे नैपकिन (पेपर), फेविकॉल और कलर की जरूरत थी फटाफट बाजार गया तीनों चीज खरीद लाया और फिर शुरू किया अपना अभियान । चंद घंटों की मेहनत के बाद जो बनकर सामने आया वह अब तस्वीरों के जरिए वो आपके सामने एक खूबसूरत फ्लॉवर पॉट के रूप में हमारे ड्रॉईंग रूम की टेबल पर सजा खड़ा है । मेरा मानना है कि हम सब रचनात्मक बनें इससे मानसिक तनाव से छुटकारा भी मिलता है और बच्चों को भी आपके साथ ही घर में कुछ सीखने को मिल जाता है ।
अगर समय मिला तो जल्दी ही कुछ और सृजनात्मकता के साथ आपके सामने फिर प्रस्तुत करूँगा ऐसे ही कुछ नमूने । तब तक मेरे हाथ से बने गुलदस्ते को निहारिये । और बताइये कि क्या इसे रोजगार के साधन के तौर पर भी परखा जाना चाहिए या नहीं ।
फिलहाल अब आप अपने गंदे व पुराने हो चुके तौलिए फेंकने से पहले इस गुलदस्ते को जरूर ध्यान में रखियेगा । कहने का मतलब कि कोई भी वस्तु पुरानी होकर खराब नहीं होती है बस थोड़ा उस पर ध्यान लगाने की जरूरत होती है ।
अब सच – सच बताइये आप सबको कैसी लगी मेरी आज की यह रचना । 😊😊
पत्रकार से पहले छोटा सा कलाकार भी हूँ मैं ।
आर्ट : शशि भूषण मैठाणी पारस
Shashi Bhushan Maithani Paras
9756838527
7060214681
आप जन्म से रचनात्मक प्रकृति के इंसान है आपके रचनात्मक व्यक्तित्व की छाप आपकी बेटियों पर जरूर पड़ेगी साथ ही अन्य लोगो को भी प्रेरणा मिलेगी।
जैसे आपने फेविकोल का इस्तेमाल किया है ऐसे ही सीमेंट के प्रयोग से गमला बनाने का सफल प्रयोग हम भी कर चुके है।
अपने नए नए प्रयोगों से परिचित कराते रहियेगा।
bahut badiya