Tragedy averted : प्रदीप की सूझबूझ से बच गई कई जिंदगियाँ ….!
Dehradun , आज सुबह देहरादून में एक बड़ा हादसा होते-होते रह गया । हरिद्वार रोड स्थित रोडवेज वर्कशॉप से आई. एस. बी. टी. जा रही उत्तराखंड परिवहन निगम की बस महज एक किलोमीटर की दूरी धर्मपुर चौक पर आते ही अनियंत्रित हो गई ।
यह सुबह का वह वक़्त था जब सड़क छोटे बड़े वाहनों से ठसाठस भरी थी , तभी अचानक से देहरदून से अंबाला चंडीगढ़ जाने वाली बस संख्या UK 07 PA 0325 अनियंत्रित हो गई लेकिन बस ड्राइबर प्रदीप की सूझबूझ से एक बड़ा हादसा होने से बच गया । चालक प्रदीप ने किसी तरह से अपने आगे चल रही तमाम गाड़ियों व सड़क पर पैदल हल रहे लोगों को बचाते हुए बस को नाली के ऊपर बने रैम्प पर चढ़ाते हुए उसे एक दुकान से भिड़ा दिया । गनीमत यह रही कि दुकानदार ने अभी दुकान नहीं खोली थी । वरना यहाँ पर भी बहुत बड़ी घटना घटने की प्रबल संभावना थी । इस दरमियान दुकान के कुछ हिस्से को नुकसान पहुंचा जबकि बस के आगे का बड़ा शीशा सड़क पर गिरकर चकनाचूर हो गया ।
घटना के बाद बस चालक प्रदीप बेहद घबराया हुआ था उसने अपनी बातचीत में बताया कि अराघर की ओर से आते वक़्त लक्ष्मी नारायण मंदिर से 100 मीटर आगे आने पर ही बस में तकनीकी खराबी का उसे एहसास हो चुका था, आगे आगे भारी ट्रैफिक आता जाता देख बेहद घबराहट हुई । प्रदीप ने बताया कि पहली प्राथमिकता सड़क पर चल रहे लोगों को बचाना था, लेकिन कुछ ही दूरी पर
धर्मपुर चौक आने वाला था इस बात से मेरे हाथ पाँव फूल गए थे लेकिन गनीमत रही कि चौक पर पहुँचते वक़्त रेसकोर्स की ओर से आने वाली गाडियाँ सिगनल पर खड़ी थीं और मेरी लाइन क्लियर मिली तभी आगे देखा तो मथुरोंवाली रोड पर आगे जाम लग गया था फिर आनन-फानन में मुझे गाड़ी को नाली पर बने रैम्प पर चढ़ाना पड़ा जिसके बाद बस एक बंद दुकान पर जाकर रुक गई ।
बुरी तरह से काँप रहे चालक ने बताया कि आज गणेश चतुर्थी का पर्व है और इस मौके पर गणेश जी की कृपा से बड़ी अनहोनी होने से बच गई ।
बताते चलूँ कि मै भी अपने ऑफिस जा रहा था मेरी कार भी बस के पीछे चल रही कुछ गाड़ियों के पीछे थी मुझे लगा कि बस ड्राईबर ओबरटेक कर रहा है लेकिन आगे चल रही बस नाली के रैम्प पर चढ़कर एक दुकान से जा टकराई तो हकीकत का पता चला । बस ड्राइबर प्रदीप की हिम्मत व उसकी सूझबूझ को सलाम । लेकिन अहम सवाल यह भी कि रोडवेज वर्कशॉप नियमित जांच के बाद अंबाला चंडीगढ़ के लिए रवाना हुई बस के ब्रेकफेल चंद मिनटों में हो गए आखिर वर्कशॉप में बस की क्या जांच की गई ? यह सवाल भी लोगों की जुबान पर चर्चा में है ।
* शशि भूषण मैठाणी ‘पारस’ ,
Copyright: Youth icon Yi National Media, 05.09.2016
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भाई साहब ये तो गनीमत है कि प्रदीप जी की सूझ बूझ से जान माल का नुक्सान नहीं हुआ वार्ना तो सभी ले दे के पीछे पद जाते बस चालक् के बिना कुछ भी जानकारी के
मंगलकर्ता विघ्नहर्ता ने प्रदीप पर् बड़ी कृपा की ईश्वर सब पर् कृपा रखे
शुक्र है सब कुछ ठीक रहा ।वरना ड्राइवर बिचारे प्रदीप के मत्थे ही सब इल्जाम आ जाता अगर कुछ अन्होनी हो जाती तो । जबकि उत्तराखंड रोडवेज की लापरवाही के कारण ही ये सब हुआ। खैर जान बची और लाखों पाये । परिवहन निगम को दुरुस्त होना चाहिए ।
मुश्किल हालात मैं सूझबूझ का प्रदर्शन सचमुच तारेफे काबिल है। एक बड़ा हादसा होने से बचा लिया प्रदीप जी ने। सराहनीय..
शशि भूषण मैठाणी ‘पारस’ भाई साहब जी कोई भी मशीन कब ओर कहाँ धोखा दे जाए कुछ नहीं कहा जा सकता, ऐसे मे प्रदीप जी की सुझ बुझ का ही नतीजा है जो एक हादसा टल गया ,इसके लिए उन्हें उनके विभाग की ओर से सम्मानित भी करना चाहिए क्योकि प्रोत्साहित करने से व्यक्ति का मनोबल बढता भी है और इससे दूसरों को प्रेरणा भी मिलती है कि कभी भी नशे मे वाहन न चलाए क्योंकि सावधानी हटी और दुर्घटना घटी।