टूटेगा अब कश्मीर ! मोदी सरकार लेगी बड़ा फैसला ! तो तीन हिस्सों में बंट जाएगा अब कश्मीर … ?
TV न्यूज के सीनियर एडिटर एवं वरिष्ठ पत्रकार मनु पंवार की EXCLUSIVE समीक्षा ।
इस सवाल की बुनियाद और इसके मायने समझने से पहले ज़रा तीन अहम चीज़ों पर ग़ौर करिए-
1- बीते कुछ दिनों में जम्मू कश्मीर में कुल 38 हज़ार सुरक्षाबल तैनात कर दिए गए हैं. 10 हज़ार जवान पहले और 280 कंपनियां (28000 जवान) परसों.
2. कल अमरनाथ यात्रा को रोक दिया गया है ।
3. पर्यटकों को भी कश्मीर छोड़ने को कह दिया गया है ।
अब मूल सवाल पर आते हैं. ये होने क्या जा रहा है, किसी को नहीं पता. बस अटकलें, कयासबाज़ी चल रही है. ख़बरें बता रही हैं कि कश्मीर में अफरातफरी जैसा माहौल है ।
बताया ये गया है कि सरकार को मिले खुफिया इनपुट आतंकी हमले की आशंका जता रहे हैं, लेकिन जो हलचल दिख रही है वो अभूतपूर्व है. वो जल्द ही किसी बड़े फैसले की तरफ इशारा कर रहे हैं । वो ‘बड़ा’ क्या हो सकता है ?
क्या कश्मीर को भविष्य में तीन छोटे राज्यों (Trifurcation) में बांटे जाने की बुनियाद डाली जा सकती है? तीन राज्य यानी…
1. कश्मीर
2. जम्मू
3. लद्दाख ।
मौजूदा हालात को देखते हुए जताई जा रही संभावनाओं में से एक ये भी है. इस अटकल की एक वजह भी है । दरअसल आरएसएस का मूल प्लान ही जम्मू कश्मीर को तीन छोटे राज्यों में बांटने का है. इसके सूत्रधार खु़द आरएसएस के बड़े थिंक टैंक माने जाने वाले इंद्रेश कुमार हैं. ये बात मैं क्यों कह रहा हूं ज़रा ये भी बता देता हूं ।
क़रीब 17-18 साल हो गए होंंगे. तब इंद्रेश कुमार ने शिमला के बचत भवन में हुई एक कॉन्फ्रेंस में अपने पूरे प्लान का खाका सार्वजनिक किया था । वो आरएसएस के ही किसी संगठन की कॉन्फ्रेंस थी । वो भी कश्मीर पर । मैं भी तब वहां मौजूद था । उन दिनों मैं शिमला में ‘अमर उजाला’ अख़बार के हिमाचल ब्यूरो में रिपोर्टर था । बीजेपी, आरएसएस और इसके तमाम अनुषांगिक संगठनों को कवर किया करता था. मने आरएसएस-बीजेपी से जुड़ी ख़बरें/गतिविधियां देखा करता था ।
इंद्रेश ने पूरा प्लान विस्तार से रखा । मैंने तब उनसे पूछा था- जम्मू कश्मीर को तीन राज्यों में बांटने से क्या मिलेगा? इंद्रेश तब बोले- अभी कश्मीर समस्या से तीनों इलाके, जम्मू, कश्मीर और लद्दाख प्रभावित हो रहे हैं ।तीन छोटे राज्यों में विभाजन होने से होगा ये कि हमारा पूरा फोकस सिर्फ कश्मीर पर होगा । जम्मू और लद्दाख अलग-अलग राज्य के तौर दूसरे राज्यों की तरह खुद पर ध्यान देंगे । कश्मीर में तब ज्यादा फोर्स की ज़रूरत भी नहीं पड़ेगी ।उस समस्या को हैंडल करने में आसानी होगी ।
ये उन दिनों की बात है जब केंद्र में वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार थी । RSS कश्मीर को लेकर अब भी अपने उस प्लान पर क़ायम है या नहीं, इसकी मुझे कोई जानकारी नहीं है, लेकिन आरएसएस में इंद्रेश के कद को देखते हुए लगता नहीं है कि उनका प्लान RSS के एजेण्डे में शामिल न हो । तो क्या इंद्रेश जो बात 17-18 साल पहले कह रहे थे, उस पर कोई फैसला लेने का अब सही वक़्त आ गया है? क्या मोदी सरकार कश्मीर को 3 हिस्सों में विभाजित करने के प्लान पर आगे बढ़ सकती है ?
हालांकि इंद्रेश से अपनी उस मुलाक़ात/बात के हवाले से मैं भी सिर्फ अटकल ही लगा रहा हूं । आरएसएस का पुराना स्टैंड बता रहा हूं । सबको पता है कि अनुच्छेद 370 और 35-A में संवैधानिक पेचीदगियां बहुत हैं । इसलिए इस चर्चा ने बड़ा ज़ोर पकड़ा है । वैसे भी कश्मीर में इस समय जो चल रहा है, वो सामान्य नहीं है ।
कश्मीर समस्या का यह ऐसा समाधान है जिसमें किसी को आपत्ति नही हो सकती न अड़चन कोई है।घाटी की मोनोपाॅली से बाकी रीजन तंग हैं और उस से पिण्ड छुड़ाने की किसी भी सरकारी कोशिश का पूरा साथ देंगे।।