पुलिस का ये चेहरा देख रह जाएंगे आप भी दंग । इस ईलाके में पुलिस के ऐसे कामों से लोग हो रहे हैं हैरान ! क्लिक करें और पढ़ें ।
पुलिस के एक से बढ़कर एक किस्से देश के अलग-अलग हिस्सों से आए दिन सुनने, देखने या पढ़ने को मिलते हैं । जिनमें से अधिकांश किस्से बेहद नकारात्मक होते हैं जिसके एवज में पुलिस की साख किसी राज्य के एक ईलाके में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में खराब हो जाती है । और यह भी सच है कि समाज में अच्छे से ज्यादा बुरे कामों का प्रभाव फैलता है । और पुलिस के साथ भी कुछ ऐसा ही होता है । लेकिन अब धीरे-धीरे वक़्त के साथ-साथ सोच बदल रही है, 21वीं सदी की पुलिस में अब बड़ी तादात में नई पीढ़ी के होनहार युवाओं ने प्रवेश कर लिया है । इस महकमें में वर्तमान में कांस्टेबल से लेकर अधिकारी तक सभी उच्च शिक्षा प्राप्त हैं । और कहते हैं कि शिक्षा ही समाज में रचनात्मक बदलाव भी लाती है । यही कारण है कि आज पुलिस महकमे में नई पीढ़ी के नौजवान नई सोच, नए नजरिए , ख़ास जज़्बे व ईमानदारी के साथ काम कर रहे हैं । आज की रिपोर्ट की शुरआत करते हैं भारत के अंतिम पुलिस थाने से, जी हाँ देश का अंतिम पुलिस थाना । मैं बात कर रहा हूँ भारत चीन सीमान्तर्गत बदरीनाथ पुलिस थाने की । यहां ड्यूटी में तैनात हर एक जवान व अधिकारी देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए किसी देवदूत से कम नहीं हैं । तकलीफ छोटी हो या बड़ी यात्रियों की हर मुसीबत में यहां कि पुलिस हरदम चौकस है ।
यूथ आइकॉन समाज में हमेशा सकारात्मक पहलुओं को टटोलता है और फिर उन्हें सम्मान भी देता है । इसी कड़ी में अब मैं स्वयं देशभर से पुलिस के रचनात्मक व सकारात्मक पहलुओं को अपने पाठको सामने लाने का प्रयास करने जा रहा हूँ । तो रचनात्मक सकारात्मक पहल की शुरुआत भगवान श्री बदरीनाथ जी के पावन धाम से करते हैं ।
बदरीनाथ धाम में यात्रियों के लिए किसी देवदूत से कम नहीं हैं पुलिस कर्मी :
* 13 जून को बदरीनाथ थाने में तैनात वायरलेस ऑपरेटर पुलिस कर्मी दीपक प्रजापति को रास्ते में एक पर्स मिला जिसे उन्होंने खोजखबर के बाद मध्यप्रदेश के यात्री हरेन्द्र प्रताप को 38 हजार रूपयों से भरा पर्स लौटाया । * 5 जून को पुलिस कर्मी साजिद व दीपक ने यात्री को 16 हजार 860 रुपया व अन्य खोया हुआ सामान लौटाया । * 5 जून को ही पुलिस कर्मी सुमित कुमार को गश्त के दौरान 30 हजार रुपयों से भरा पर्स मिला तो उसने भी यात्री की ढूंढ खोजकर उसे लौटाया । * 15 जून को गोपेश्वर थाना की पुलिस ने गाजियाबाद उत्तर प्रदेश से बदरीनाथ दर्शनों के लिए आए यात्रियों की मदद के लिए सामूहिक रूप से 5 हजार 200 रुपया इकठ्ठा कर उन्हें दिया, जबकि यात्रियों के 20 सदस्यीय दल को दो दिन व रात तक थाने की मेस से भरपेट खाना व रहने के लिए होटल में व्यवस्था भी की ।
जी हाँ ..! एक के बाद ईमानदारी की अनूठी मिशाल पेश कर रहे चमोली जनपद के पुलिसकर्मियों पर आजकल देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की दुआ बरस रही है । हर कोई श्रद्धालु , ईमादार पुलिस कर्मियों को ईनाम देने की पेशकस करते हैं तो पुलिस के जवान सिर्फ आशीर्वाद मांगते हैं । 13 जून को बद्रीनाथ धाम के दर्शनों के लिए आये यात्री हरेंद्र प्रताप सिंह S/O सरयू प्रताप सिंह निवासी- लोहरोरा जिला सतना मध्य प्रदेश का पर्स जिसमे रूपये 38 हजार नकद के अलावा घड़ी, ATM कार्ड, पैन कार्ड व जरूरी कागजात CCTV कंट्रोल रूम में नियुक्त पुलिस वायरलेस ऑपरेटर दीपक प्रजापति को बदरीनाथ धाम में मिला था । पर्स में मौजूद परिचय पत्र में अंकित फोन नम्बर व माईक से अनोउंसमेन्ट करने के पश्चात यात्री हरेंद्र प्रताप सिंह तक पुलिस पहुँच पाई व उन्हें उनकी रकम के अलावा अन्य सामान में भी सौंपा गया । जिसके बाद यात्रियों द्वारा उत्तराखण्ड खासकर बदरीनाथ पुलिस की ईमानदारी को लेकर जय-जयकार किया गया । व सबने पुलिस कर्मी दीपक प्रजापति की जमकर तारीफ़ भी की ।
इसी तरह एक और अन्य मामले में बदरीनाथ पुलिस ने ईमांदारीब्व मानवता की मिसाल पेश की । बताते चलें कि 5 जून को पुलिस कर्मी वायरलेस ऑपरेटर साजिद व दीपक बदरीनाथ मंदिर के रास्ते में एक लेडी पर्स गिरा पड़ा मिला जिसमें कि 16 हजार 860 रूपये नगद के अलावा अन्य कीमती सामान मिला । साजिद और दीपक ने तुरन्त उक्त पर्स जानकारी सहित प्रभारी निरीक्षक बद्रीनाथ अनिल जोशी को दी जिसके बाद श्री जोशी ने लाउडस्पीकर से बद्रीनाथ धाम में बैग प्राप्त होने व संबंधित द्वारा पहचान बताकर कोतवाली बद्रीनाथ में आकर ले जाने की सूचना प्रसारित करवाई। कुछ ही समय में एक महिला मंजू देवी व उनके परिवार वाले कोतवाली में पहुँचे एवं उनके द्वारा अपने पर्स व उसमे रखे समान के बारे में अवगत कराने एवं पुष्टि के उपरांत मंजू देवी को उनका पर्स लौटाया गया । मंजू देवी व उनके परिजनों द्वारा बद्रीनाथ पुलिस का आभार व्यक्त किया गया । व पुलिस टीम को ईनाम देने की पेशकस भी की लेकिन पुलिस अतिथि का आदर सत्कार करके उन्हें ससम्मान विदा किया । इसी दिन यानी 5 जून को ही बद्रीनाथ धाम में उप नि. सुमित कुमार को गश्त के दौरान एक पर्स मिला जिसमे 30 हजार रुपये व ए टी एम पहचान पत्र आदि ज़रूरी कागजात थे ।उप नि. सुमित कुमार द्वारा सूचना प्रसारण केन्द्र से सूचना प्रसारित कर पैसे एवं सामान की पुष्टि के बाद ईमानदारी का परिचय देते हुये उक्त पर्स को पर्स मालिक श्री कमला प्रसाद गुर्दवान के सुपुर्द किया गया । कमला प्रसाद एवं उनके परिजनों द्वारा चमोली पुलिस की ईमानदारी व मानवता की तारीफ कर धन्यवाद किया गया ।
चमोली मुख्यालय गोपेश्वर थाना पुलिस ने मानवता की अनूठी मिशाल कायम की :
यह घटना भी जून के महीने की है, 15 जून को हरिओम कश्यप S/O भागमल कश्यप निवासी मोदीनगर, जिला ग़ाज़ियाबाद, उ0प्र0 अपने परिवार के 20 सदस्यों के साथ थाना गोपेश्वर में आये , जिनके द्वारा थानाध्यक्ष कुन्दनराम को बताया गया कि मैं अपने परिवारजनों के साथ बद्रीनाथ धाम के दर्शन के लिए आया था, वापसी में हमारा उनका वाहन 13 जून को हनुमानचट्टी के निकट दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमे उनके परिवार के कई सदस्य घायल हो गए थे जिन्हें थाना थाना बद्रीनाथ पुलिस द्वारा सहायता देकर जिला चिकित्सालय गोपेश्वर भिजवाया गया था, अब उपचार के दो दिन बाद सभी को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है किंतु सभी सदस्यों के पास खाने व घर जाने के लिए भी कोई पैसे नही बचे हैं । यात्री ने पुलिस को जब यह बताया कि हालत इतनी खराब है कि उनके साथ महिलाएं व बच्चे हैं जिन्हें खाना खिलाने या दूध पिलाने तक के पैसे नहीं रह गए । यात्रियों की यह आप बीती सुनकर गोपेश्वर थाना के इंचार्ज का दिल पसीज गया जिसके बाद उन्होंने सभी यात्रियों को थाना मेस में दोपहर व रात्रि में भोजन कराने के अलाव होटल में ठहरने की भी व्यवस्था की । इतना ही नहीं गोपेश्वर थाना पुलिस के सदस्यों ने अपनी-अपनी जेब से 5 हजार 200 रुपया इकट्ठे किये और फिर यात्रियों को वापस उनके घर बस से भेजा गया । बताया गया कि इस मौके पर परेशान यात्रियों की मदद व्यापार मंडल के पदाधिकारी अनूप पुरोहित, धनराज और E.O. नगरपालिका गोपेश्वर द्वारा भी आर्थिक सहायता के रूप में की गई। गोपेश्वर पुलिस द्वारा की गयी सहायता व व्यवहार से यात्रियों की आंखे नम हो गयी और उन्होंने पुलिस को हृदय धन्यवाद देते हुए कहा कि हमने जीवन मे पहली बार पुलिस का ऐसा रूप देखा है। हम जीवन पर्यंत उत्तराखंड पुलिस के आभारी रहेंगे। सीमांत जनपद में पुलिस द्वारा एक के बाद एक ईमानदारी व मानवता की मिशाल प्रस्तुत करने पर जब मैंने जिले की पुलिस कप्तान तृप्ति भट्ट से बात की तो उन्होंने कहा कि , मैं यह तो नहीं कहूँगी कि पुलिस वर्तमान में ही ईमानदारी से काम कर रही है, बल्कि पहले भी पुलिस ऐसे काम करती रही है । हाँ हो सकता है कि तब एक्सपोजर नहीं मिलता रहा होगा । लेकिन आज काफी हद तक सोशल मीडिया के मार्फ़त भी सूचनाएं जल्दी से वायरल हो जाती है । और तकनीकी रूप से वर्तमान समय काफी मजबूत स्थिति में है ।
बाकी चमोली पुलिस का अगर आप रिकार्ड देखेंगे तो हर थाने में कोई न कोई रचनात्मक सूचना आए दिन प्राप्त होती है । हमारे सभी पुलिस कर्मी बेहद ईमानदारी के साथ अपना काम कर समाज में मानक स्थापित कर रहे हैं तो जाहिर सी बात है ऐसी ईमानदार टीम को लीड करने पर मुझे भी गर्व होता है । मीडिया को भी पुलिस के सकारत्मक पक्ष को ज्यादा से ज्यादा कबर करना चाहिए जिससे काम करने वालों का हौसला कई गुना बढ़ जाता है । और यूथ आइकॉन क्रिएटिव मीडिया का विशेष धन्यबाद कि आपने पुलिस को सम्मान देने के लिए जो यह सीरीज आरम्भ की उसकी शुरुआत चमोली जिले खासकर बदरीनाथ से की गई उसके लिए पूरी पुलिस टीम की ओर से धन्यबाद ।
We expect it from all appointed for public service.
Congratulations to police officers n jawans of Chamoli District.we are proud of u.Being Pahadi I salute your courage (zazba).
सकारात्मक बातें समाज तक जरूर पहुंचनी चाहिए 🌹✍️🌹 साधुवाद