9 दिनों से चला आ रहा पत्रकारों का आंदोलन खत्म ! अपर निदेशक सूचना डॉ. अनिल चन्दोला ने मानी चूक । पिलाया जूस तुड़वाया अनशन ।
◆ पत्रकारों के हितों का रखा जाएगा ख़याल । एक माह के अंदर सभी मांगों का होगा निस्तारण : अपर निदेशक ।
Dehradun, उत्तराखंड सूचना विभाग से पत्रकार विरादरी खासी नाराज चल रही थी । बीते कुछ समय से विभाग द्वारा स्थानीय अखबारों व वेब-पोर्टल के विज्ञापनों पर बिना किसी कारण रोक लगाई गई तो उससे पत्रकारों में आक्रोश व्याप्त होने लगा । धीरे-धीरे पत्रकार एक-एक करके संगठित होने लगे और फिर सयुंक्त मोर्चा नाम के बैनर तले सभी विधाओं के पत्रकार एक मंच पर आ गए ।
आंदोलन से पहले कई दौर की बैठकों का आयोजन भी अलग-अलग जगहों पर किया गया, जिसके बाद एक राय बनी कि सभी को मिलकर विभाग की मनमानी के खिलाफ लामबंद होकर एकजुटता के साथ अपने आंदोलन को धार देनी होगी ताकि भविष्य में पत्रकारों के साथ इस तरह के भेदभाव पर अंकुश लगाया जा सके ।
पत्रकारों को संगठित करने का बीड़ा पर्वत जन के संपादक व वरिष्ठ पत्रकार शिव प्रसाद सेमवाल ने उठाया और सभी ने उनके नेतृत्व में 9 दिनों तक निर्णायक आंदोलन लड़ा, जिसका आज सकारात्मक पटाक्षेप भी हो गया है ।
यहां बताते चलें कि आज धरना स्थल पर आंदोलनरत पत्रकारों के बीच सूचना विभाग के दो वरिष्ठ अधिकारियों में अपर निदेशक डॉ. अनिल चंदोला एवं संयुक्त निदेशक राजेश कुमार पहुंचे और उन्होंने पत्रकारों को आश्वस्त किया कि उनकी सभी मांगों को गम्भीरता से लिया गया है और सभी मांगों का एक माह के भीतर निस्तारण भी कर लिया जाएगा ।
अपर निदेशक ने माना कि विभाग से कुछ चूक हुई है, भूल हुई है जिसे जल्दी ठीक कर लिया जाएगा । अपर निदेशक ने आश्वासन के बाद पत्रकारों से आंदोलन खत्म करने की अपील की जिसके बाद स्वयं अपर निदेशक अनिल चंदोला ने अनशन पर बैठे पत्रकार संजीव पंत एवं जीतमणि पैन्यूली को जूस पिलाकर उनका अनशन तोड़ने के साथ ही आंदोलन को समाप्त करवाया ।
यह भी सच है कि राज्य बनने के बाद इस तरह से पहली बार पत्रकार अपने हकों के लिए एकजुट होकर लड़े । और आरपार की लड़ाई के लिए सभी तैयार होने लगे थे । इतना ही नहीं महज एक सप्ताह के भीतर ही पत्रकारों का आंदोलन देहरादून से बाहर गढ़वाल व कुमायूं के अन्य जिलों तक सुलगने लगा जिसके बाद शासन में भी हलचल शुरू हुई और तुरन्त पत्रकारों के आंदोलन के तेजी को भांपते हुए तुरन्त निर्णायक व सकारात्मक कदम उठाने की जिम्मेदारी विभागीय अधिकारियों को सौंपी गई । इसी क्रम में आज विभाग के अधिकारियों में। अनिल चंदोला व राजेश कुमार को स्वयं पत्रकारों के बीच बातचीत करने आने पड़ा ।
अपर निदेशक चंदोला ने धरना स्थल पर ही जानकारी दी कि पत्रकारों को विश्वास में लिए बिना नियमावली में कोई भी संशोधन नहीं किया जाएगा ।
कहा कि राज्य में पत्रकारों के सम्मान से कोई समझौता नहीं किया जाएगा । साथ ही डॉ. चंदोला ने बताया कि अब वेब पोर्टल के पत्रकारों को भी मान्यता के दायरे में लाया जाएगा उसके लिए भी विभागीय स्तर पर फाईल को चला दी गई है । साथ ही श्री चंदोला ने जानकारी दी कि कल ही पत्रकारों के लंबित पेंशन प्रकरणों और कल्याण योजनाओं पर कार्यवाही शुरू कर दी गई है।
आंदोलनरत पत्रकारों ने आश्वासन मिलने के पश्चात विभाग का आभार जताया व भरोषा जताया कि एक माह के भीतर ही हमारी मांगों को धरातल पर उतार लिया जाएगा । इस बीच यह भी निर्णय हुआ कि जिस प्रकार विभाग द्वारा एक माह का समय दिया गया है तो पत्रकार भी तब तक सहयोग करेंगे । और यदि मांगों का उचित निस्तारण नहीं हुआ तो बाध्य होकर फिर आंदोलन करना पड़ेगा ।